नई दिल्ली, 07 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने राजनीतिक मसलों पर याचिका दाखिल करने पर चिंता जताई है। गुरुवार को जब चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने भारत में अवैध तरीके से बसे दूसरे देश के लोगों को वापस भेजने की मांग पर जल्द सुनवाई की मांग की तो चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम सभी राजनीतिक मसलों की सुनवाई करेंगे तो राजनीतिक प्रतिनिधि किसलिए चुने जाते हैं? इसका बेहतर हल सरकार के पास है।
अश्विनी उपाध्याय ने जब याचिका को मेंशन करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें रोजाना आपकी की याचिकाओं पर सुनवाई करना होता है। सभी राजनीतिक मसले यहां आते हैं। चाहे संसद सदस्यों का मसला हो, नामांकन का मसला हो, चुनाव सुधार का मसला हो या कोई और। ये सभी राजनीतिक मसले हैं, आप सरकार के पास क्यों नहीं जाते हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम आपकी सभी याचिकाओं पर सुनवाई करें और उसमें आदेश पारित करें तो फिर राजनीतिक प्रतिनिधि किसलिए चुने जाते हैं। तब अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि धारा 32 इसी उद्देश्य के लिए बनाई गई है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या कानून बनाने के लिए? तब अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि करोड़ों लोगों के रोज़गार पर घुसपैठियों का कब्जा है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि केंद्र का जवाब दाखिल होने के बाद मामला सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाएगा।