नई दिल्ली, 07 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के एक व्यापारी के साथ शेयरों की खरीद में फर्जीवाड़ा करने के आरोपित और स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह की अगले आदेश तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता ने इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने अजय सिंह को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने 6 मार्च को अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 30 मार्च को अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एडिशनल सेशंस जज विनीता गोयल ने अजय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था। जांच में सहयोग नहीं करने पर अजय सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
अजय सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। जब वे पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। अजय सिंह ने दोनों एफआईआर के मामले में जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान अजय सिंह की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप हैं उनकी प्रकृति दीवानी की है और पुलिस ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वे जांच में शामिल होना चाहते थे लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से ऐसा नहीं हो पाया।
यह मामला दिल्ली के बिजनेसमैन संजीव नंदा का है। नंदा के मुताबिक उनके और अजय सिंह के बीच कुल 25 लाख शेयरों की खरीद का करार हुआ था। इन शेयरों के पैसे का भुगतान नंदा ने कर दिया था। ये शेयर नंदा के परिवार को ट्रांसफर करने थे। लेकिन ये शेयर नंदा के परिवार को ट्रांसफर नहीं किए गए। उसके बाद नंदा ने पुलिस से शिकायत की। साकेत कोर्ट ने अजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।