नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने आदर्श स्टेशन योजना के तहत देशभर के 1253 रेलवे स्टेशनों में से 1213 को विकसित कर विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस कर दिया है और शेष 40 स्टेशनों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में विकसित करने का लक्ष्य रखा है।
यह जानकारी रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि इस समय, स्टेशनों पर बेहतर यात्री सुख-सुविधाएं मुहैया करवाने की निर्धारित आवश्यकता के आधार पर आदर्श स्टेशन योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों का उन्नयन, आधुनिकीकरण किया जाता है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में, रेलवे स्टेशन के प्रमुख उन्नयन की एक नई योजना शुरू की गई है। इस योजना में परिकल्पित सुविधाओं में स्टेशन भवन का पुनर्निर्माण, सुधार, संवर्धन, स्टेशन परिसरों के लिए भीड़-भाड़ मुक्त प्रवेश, निकास, यात्रियों के आगमन व प्रस्थान का पृथक्करण, भीड़-भाड़ के बिना पर्याप्त कॉनकोर्स, जहां कहीं भी व्यवहार्य हो, शहर के दोनों किनारों का एकीकरण, उपयोगकर्ता के अनुकूल संकेतक, परिचालन क्षेत्र में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और ड्रॉप ऑफ, पिकअप और पार्किंग आदि के लिए पर्याप्त व्यवस्था एवं आवश्यकता और व्यवहार्यता के अनुसार अन्य सुविधाओं के साथ-साथ दिव्यांगजनों की सभी सुविधाएं शामिल हैं । इस योजना के तहत अब तक 41 स्टेशनों को बड़े उन्नयन के लिए चिन्हित किया गया है।
साथ ही, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के हाइब्रिड बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल के तहत विकास के लिए चिन्हित किया गया है।
वैष्णव ने बताया कि रानी कमलापति और गांधीनगर जैसे दो रेलवे स्टेशनों को क्रमशः 15.11.2021 और 16.07.2021 को विकसित और चालू किया गया है। एक और स्टेशन, सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल, बेंगलुरु कमीशनिंग के लिए तैयार है। इन सुविधाओं को आमतौर पर योजना शीर्ष – 53 ‘यात्री सुविधाएं’ के तहत वित्त पोषित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2615.30 करोड़ रुपये आवंटित हुए और 582.92 करोड़ रुपये व्यय हुए। 2021-2022 (फरवरी, 2022 तक) 2344.55 करोड़ रुपये आवंटित हुए इसमें से 1566.32 करोड़ रूपये व्यय हुए। वित्त वर्ष 2022-23 में 2700 आवंटित हुए।