Jagat Prakash Nadda : नड्डा ने 13 देशों के राजनयिकों से किया संवाद, भाजपा की विचारधारा, सिद्धान्तों से कराया अवगत

नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने “भाजपा को जानिये ” अभियान के प्रथम चरण में बुधवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में यूरोपियन यूनियन सहित 13 देशों के राजनयिकों के साथ संवाद किया और उन्हें भाजपा के इतिहास के साथ-साथ पार्टी संगठन की विशेषताओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। भाजपा इसके माध्यम से दुनिया को भाजपा की विचारधारा, पार्टी के सिद्धांतों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विगत लगभग आठ वर्षों से जारी देश की विकास यात्रा के बारे में जानकारी देना है।

पार्टी के विदेश विभाग के प्रभारी डॉ विजय चौथाईवाले कार्यक्रम में विदेशी राजनयिकों का स्वागत किया। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने स्वागत भाषण देते हुए पार्टी की विचारधारा और पार्टी के विस्तार के बारे में चर्चा की। इसके पश्चात् 1951 से लेकर अब तक की भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा के बारे में एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। डॉक्यूमेंट्री के पश्चात नड्डा ने भाजपा के संगठन, पार्टी की विचारधारा, पार्टी के सिद्धांतों, पार्टी के चुनावी इतिहास और पार्टी के विजन के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने राजनयिकों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। भाजपा को जानने में राजनयिकों को इतनी अधिक दिलचस्पी थी कि वे लगभग तीन घंटे तक भाजपा मुख्यालय में बैठे रहे जिसमें प्रश्नोत्तर सेशन लगभग डेढ़ घंटे का रहा। कार्यक्रम के पश्चात् उन्होंने भाजपा कार्यालय का अवलोकन भी किया।

13 देशों के राजनयिकों को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में 13 देशों के राजनयिकों का स्वागत करते हुए मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि शून्य से शिखर की भाजपा की यात्रा कई पड़ावों से होकर गुजरी है। आज भाजपा की स्थापना के 42 वर्ष पूरे हो रहे हैं लेकिन भाजपा की यह विकास यात्रा 1951 से ही भारतीय जन संघ के रूप में शुरू हो गई थी। तब से सिद्धांत और विचारधारा से समझौता किये बगैर ये हमारी प्रतिबद्धता रही है कि हम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद और अंत्योदय के आधार पर एक नए भारतवर्ष का निर्माण करें। हमारे अब तक के सभी कार्यक्रम, आंदोलन, हमारी सरकार की नीतियाँ और योजनायें इसी दिशा में लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रहे हैं।

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