नई दिल्ली , 06 अप्रैल (हि.स.)। देश में बीते तीन वर्षों में पुलिस हिरासत में 390 लोगों की मौत हुई है। राज्यसभा में बुधवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने अपने उत्तर में एक अप्रैल 2019 से इस साल 31 मार्च तक के राज्यवार हिरासत में मौत के आंकड़े बताये। इसके अनुसार आंध्रप्रदेश- 07, अरूणाचल प्रदेश में 01, असम में 12, बिहार राज्य में 27 छत्तीसगढ़ 08, गोवा 01, गुजरात 53, हरियाणा में 10 हिमाचल प्रदेश में 04, झारखंड 12, कर्नाटक 17, केरल 17, मध्य प्रदेश 30, महाराष्ट्र 46, मणिपुर 03, मेघालय 07, मिजोरम 02, नागालैंड 02, ओडिशा 12, पंजाब 16, राजस्थान 21, सिक्किम 01, तमिलनाडु 19, तेलंगाना 05, त्रिपुरा 02, उप्र 20, उत्तराखंड 04, पश्चिम बंगाल 20, अंडमान और निकोबार 01, दिल्ली, 14, जम्मू और कश्मीर 04 ।
नित्यानंद राय ने बताया कि मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) समय-समय पर परामर्श जारी करते है।
इसके अतिरिक्त एनएचआरसी द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसरण में पुलिस अथवा न्यायिक हिरासत में प्राकृतिक अथवा अन्य रूप में होने वाली प्रत्येक मौत की सूचना इसके घटित होने के 24 घंटे के भीतर आयोग को दी जानी होती है।
यदि आयोग द्वारा की गई जांच में किसी लोक सेवक की लापरवाही का पता चलता है, तो आयोग ऐसे दोषी लोक सेवक के खिलाफ कार्रवाई व अभियोजन शुरू करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के प्राधिकारियों को सिफारिश करता है। दोषी लोक सेवक के खिलाफ कार्रवाई मौजूदा नियमों, प्रक्रियाओं आदि के अनुसार संबंधित प्राधिकरण द्वारा की जानी होती है।