नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल में राज्यों में हुए चुनाव में पार्टी की हार को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पार्टी का पुनरुत्थान केवल हम सभी के लिए जरूरी नहीं है बल्कि यह हमारे लोकतंत्र और समाज के लिए भी बेहद आवश्यक है।
सोनिया ने कहा कि चुनाव परिणाम निराशाजनक हैं और स्थिति चुनौतीपूर्ण है। यह हमारे समर्पण और दृढ़ संकल्प की परीक्षा है। पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए सीडब्ल्यूसी की एक बार बैठक हो चुकी है। उन्हें संगठन को मजबूत करने के बारे में कई सुझाव मिले हैं। कई प्रासंगिक हैं और वे उनपर काम कर रही है।
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक मंगलवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में आयोजित की गई। पार्टी नेताओं को जीत का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि संगठन के सभी स्तरों पर एकता सर्वोपरि है। वे इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा राज्यों में लगातार राजनीतिक विमर्श का विषय बनता जा रहा है। इतिहास को अपने एजेंडे में जोड़ने के लिए उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। कांग्रेस भाजपा को सदियों से हमारे विविधतापूर्ण समाज में निरंतरता से चले आ रहे सौहार्द और सद्भाव के बंधन को तोड़ने की अनुमति नहीं देगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत की विदेश नीति के बुनियादी सिद्धांतों में गुटनिरपेक्षता को हमेशा महत्व दिया जाता रहा रहा है। उनका संदर्भ हाल में यूक्रेन घटनाक्रम के संबंधित था।