धर्मशाला, 05 अप्रैल (हि.स.)। कोविड काल के बाद पहली बार तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने कांगड़ा जिला के स्थानीय अधिकारियों को अपना आर्शीवाद दिया। मैक्लोड़गंज स्थित अपने आवास पर दलाई लामा ने विशेष श्रोताओं के तौर पर इन अधिकारियों को आर्शीवचन दिए। धर्मगुरू दलाई लामा ने अधिकारियों के साथ संक्षिप्त बातचीत की और भारत में अपने निर्वासन के शुरुआती दिनों को याद किया। उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की सलाह पर मसूरी में अपने प्रारंभिक निवास से धर्मशाला में अपने स्थानांतरण के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा कि वे धर्मशाला में बहुत सहज हैं और उनका धर्मशाला से गहरा प्रेम और आत्मीयता है। मानसून के दौरान भारी बारिश के बावजूद धर्मशाला को ऊंचाई और जलवायु के मामले में ‘बहुत उपयुक्त’ बताते हुए, दलाई लामा ने कहा ‘चूंकि हम बर्फ की भूमि से हैं, धर्मशाला में बर्फ गिरने पर हमें बहुत खुशी होती है।’
भारत द्वारा प्रदान की गई स्वतंत्रता और सुरक्षा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, परम पावन ने भारत सरकार और जनता विशेषकर कांगड़ा के अधिकारियों और पुलिस विभाग को उनकी निरंतर सहायता और सुरक्षा के लिए धन्यवाद दिया। परम पावन दलाई लामा ने कहा कि उनके भारतीय पुलिस गार्डों ने 1960 से उन्हें सुरक्षा प्रदान की है। इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों और महिलाओं के साथ बातचीत की व्यक्तिगत कहानियां भी साझा की हैं।
परम पावन दलाई लामा ने श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर दिया और दर्शन से लेकर विज्ञान, धर्म और मानव अधिकारों सहित कई विषयों पर बात की।
इस दौरान उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक (एसपी), अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी), अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) और एसी शामिल थे।