तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। केरल के कुख्यात आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को अब केरल की कम्युनिस्ट सरकार ही प्रशिक्षण दे रही है। केरल के अग्निशमन विभाग यानी फॉयर सर्विस ने पिछले दिनों पीएफआई के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केरल के हिन्दू समुदाय में चिंता दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से केरल के इस्लामीकरण की दिशा में यह एक और कदम है।
केरल के फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज, जिसे सामान्य तौर पर केरल फायर ब्रिगेड कहा जाता है, ने पिछले दिनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं को एर्नाकुलम जिले के अलुवा में प्रशिक्षण दिया। कथित तौर पर यह प्रशिक्षण आग लगने के दौरान उससे बचाव के लिए दिया जा रहा था। पर जिस तरह से उसमें शारीरिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किए गए, उससे साफ है कि मकसद कुछ और ही था। केरल सरकार ने पहली बार उस पीएफआई के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जिसकी देश की अनेक हिंसक और आतंकी वारदात में भूमिका है। दिल्ली में हुए दंगों में भी पीएफआई का कनेक्शन पाया गया था। एर्नाकुलम के फायर ब्रिगेड विभाग से इस संबंध में पूछे जाने पर बताया गया कि पीएफआई के साथ अग्निशमन का प्रशिक्षण कार्यक्रम उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद आयोजित किया गया ।
अलुवा फायर ब्रिगेड कार्यालय में ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि पीएफआई के कार्यकर्ताओं को आग लगने के दौरान लोगों के बचाव और राहत कार्यों का ही प्रशिक्षण दिया गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या वे इसी प्रकार के अन्य संगठनों को भी इसी प्रकार का प्रशिक्षण दे चुके हैं या उनके अनुरोध पर आगे प्रशिक्षण दे सकते हैं, फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने कहा कि वह केवल ऊपर से मिले निर्देशों का ही पालन कर रहे थे। अब तक केवल पीएफआई के लिए ही यह निर्देश दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि केरल में पीएफआई का एक बड़ा नेटवर्क है और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी विचारधारा से जुड़े लोगों के खिलाफ हिंसक वारदात को अंजाम देता रहा है। पीएफआई की बर्बरता ने उस समय लोगों को झकझोर कर रख दिया जब उसके गुर्गों ने मलयालम के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काट दिया। जोसफ को इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में लिखे गए एक लेख की सजा दी गई, जिसमें कथित तौर पर उनका अपमान किया गया था।
दरअसल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को केरल की कम्युनिस्ट सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है। कम्युनिस्ट सरकार राज्य में बढ़ती संघ की ताकत और भाजपा के विस्तार के खिलाफ पीएफआई को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। इतना ही नहीं तो उसने राज्य पुलिस के इस्लामीकरण का रास्ता खोल दिया है। पिछले दिनों केरल पुलिस की आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाने वाली स्पेशल ब्रांच में कार्यरत एक पुलिस उपाधीक्षक (डिप्टी एसपी) को खुफिया विभाग ने रंगेहाथ पकड़ा था। उस पर आरोप था कि वह पीएफआई की गतिविधियों के खिलाफ अभियान चलाने की बजाय समय से पूर्व उन्हें सूचना देकर सचेत कर रहा था। इस मामले में उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश को दरकिनार कर उसे उसी के गृहनगर में कानून और व्यवस्था अनुभाग में स्थानांतरित कर दिया गया।
माना जा रहा है कि जबसे पिनरई विजयन ने राज्य की कमान संभाली है, तबसे पीएफआई को एक दीर्घकालिक योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें विजयन के दामाद मोहम्मद रियाज की प्रमुख भूमिका है। मोहम्मद रियाज मुख्यमंत्री विजयन की बेटी वीणा के पति हैं और राज्य सरकार में पीडब्ल्यूडी और पर्यटन मंत्री भी हैं। मुख्यमंत्री के दामाद होने के चलते वे अन्य मंत्रियों से अधिक प्रभावी माने जाते हैं। मोहम्मद रियाज के बारे में साफतौर पर कहा जा सकता है कि वे इस्लामी चरमपंथी संगठनों के प्रति खासे उदार हैं और उनका समर्थन करते हैं।।