देश के विभिन्न हिस्सों के साथ पूर्वोत्तर के बीच सेतु बनने में जुटा सेवा भारती और एनएमओ : स्वास्थ्य मंत्री

-धन्वंतरी सेवा यात्रा ने पुनर्जागरण का नेतृत्व किया : वरिष्ठ संघ प्रचारक सुरेश सोनी

गुवाहाटी, 02 अप्रैल (हि.स.)। हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह का स्वास्थ्य शिविर होता है। ‘धन्वंतरी सेवा यात्रा’ को अपनी आंखों से देखकर मैं अभिभूत हूं। ये बातें असम के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने कही।

स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत शुक्रवार को गुवाहाटी के मालीगांव के अदिंगगिरी स्थित सेवा भारती जनजाति छात्रावास के सभागार में 19वीं धनवंतरी सेवा यात्रा-22 नामक पांच दिवसीय शिविर के समापन समारोह के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेते हुए उपरोक्त बातें कहीं। मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी, एनसीपीसीआर के चेयरमैन प्रियांक कानू, राष्ट्रीय चिकित्सा संगठन के महासचिव और एम्स-पटना में एसोसिएट प्रोफेसर विश्वंभर सिंह, सेवा भारती पूर्वांचल के अध्यक्ष रमन शर्मा, धन्वंतरी सेवा यात्रा-22 की स्वागत समिति के अध्यक्ष रामअवतार भारतीया के साथ देश के 19 राज्यों के लगभग 260 डॉक्टरों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने सेवा भारती और एनएमओ द्वारा शुरू किए गए मुफ्त स्वास्थ्य शिविरों के बारे में सुना है।

उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि यह सामान्य रूप से होने वाले स्वास्थ्य शिविरों की तरह होगा लेकिन आज यहां आकर इतनी बड़ी घटना को देखकर मेरी धारणा बदल गयी है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्वोत्तर राज्यों के दूरदराज के इलाकों के लोगों और बाहरी राज्यों के लोगों के बीच आध्यात्मिक संबंध विकसित होंगे। मंत्री केशव महंत ने सेवा भारती और एनएमओ द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों के साथ संबंध बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए संबंधित आयोजकों और दौरा करने वाले डॉक्टरों को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

इस दौरान विशिष्ट अतिथि एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुरेश सोनी ने कहा कि धन्वंतरी सेवा यात्रा के माध्यम से असम सहित पूर्वोत्तर और देश के 260 एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक वरिष्ठ चिकित्सकों एवं मेडिकल छात्रों ने पूर्वोत्तर के सात राज्यों के 40 जिलों के 120 इलाकों में पांच दिनों तक निःशुल्क उपचार शिविर लगाकर एक मिसाल कायम की है। सेवा भारती पूर्वांचल और राष्ट्रीय चिकित्सा संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘धन्वंतरी सेवा यात्रा’ ने इतिहास रच दिया है। इस तरह की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरे देश में फैलाया जाना चाहिए।

इस तरह की गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘धन्वंतरी सेवा यात्रा’ का मुख्य उद्देश्य एकजुटता और सद्भाव का निर्माण करना है। देश के विभिन्न हिस्सों से डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने पूर्वोत्तर राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों की यात्रा की है और न केवल उन्होंने मैदानी और पहाड़ी लोगों को स्वास्थ्य सलाह दी है, बल्कि वे रिश्तेदारी के बंधन में खुद को बांधने के लिए पूर्वोत्तर में भी आए हैं। इससे भाईचारे का बंधन मजबूत होता है। आज के पहले सत्र में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों द्वारा दी गई सेवाओं का हवाला देते हुए सुरेश सोनी ने कहा कि असम जनजातियों का संगम है।

देश के विभिन्न हिस्सों से आए डॉक्टर कुछ दिनों तक पहाड़ों और मैदानों में रहने वालों के घरों में रहे और उनके सुख-दुख को साझा किया। उन्हें अपने दैनिक जीवन से जुड़ने का अवसर मिला है। इस तरह की गतिविधियों में, राज्य का विचार मजबूत हो रहा है। सेवा भारती पूर्वांचल और राष्ट्रीय चिकित्सा संगठन के पदाधिकारी पूरे देश को जोड़ने में सक्षम हुए हैं। इसके लिए उन्होंने ‘धन्वंतरी सेवा यात्रा’ में शामिल हुए डॉक्टरों को बधाई दी और कहा कि धन्वंतरी सेवा यात्रा से पुनर्जागरण हुआ है, जो अब तक कल्पना से परे था। आने वाले दिनों में यह इतिहास रचेगा।

धन्वंतरी सेवा यात्रा-22 नामक पांच दिवसीय शिविर का समापन समारोह शुक्रवार को दो सत्रों के माध्यम से संपन्न हुआ। एनएमओ के अखिल भारतीय महासचिव डॉ. विश्वंभर सिंह, एनएमओ के पूर्वोत्तर संगठन सचिव डॉ. रक्तिम्प्रतिम तामुली, सेवा भारती पूर्वोत्तर के संगठन सचिव सुरेन्द्र तालखेड़कर ने प्रथम सत्र का उद्घाटन किया। पहले सत्र में, डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित शिविरों में हिस्सा लेने के अपनी भावनाओं और अनुभवों का वर्णन किया। कई जरूरतमंद लोगों की सेवा और उनकी मेहमाननवाजी का वर्णन करते हुए भावुक हो गये। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन जिला और नगालैंड के मोन जिला में डॉक्टरों ने भारत-म्यांमार सीमा से सटे दूरदराज के इलाकों के पहाड़ी निवासियों को बीमारी की अनभिज्ञता के बारे में बताया।

संयोग से डॉक्टरों ने लगातार पांच दिन तक निःशुल्क इलाज शिविरों के लिए सात राज्यों के 40 जिलों के 120 क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल और पारदर्शिता अपनाने के लिए बच्चों और बुजुर्गों सहित कुल 15,391 लोगों को उचित सलाह दी गयी। इस दौरान दवाओं और नुस्खे के साथ ही डॉक्टरों ने योग के जरिए खुद को स्वस्थ रखने का भी अभ्यास कराया। धन्वंतरी सेवा यात्रा-22 की स्वागत समिति के अध्यक्ष रामअवतार भारतीया ने समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान दो स्मारिकाओं का विमोचन भी किया गया। इनमें से एक का अनावरण स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत ने किया और दूसरे का अनावरण संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी और कई अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से किया।

गौरतलब है कि ‘धन्वंतरी सेवा यात्रा-22’ नामक पांच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत 27 मई से की गई थी, जिसका समापन 01 अप्रैल को हुआ। स्वागत समिति के सचिव रिजू दत्ता ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने पांच दिवसीय सेवा यात्रा को सफल बनाने के लिए अथक परिश्रम किया।

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