नागालैंड, असम और मणिपुर से एएफएसपीए हटाना क्रांतिकारी निर्णय
नई दिल्ली, 02 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों से आर्म्ड फोर्स स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (एएफएसपीए) हटाए जाने के फैसले की सराहना करते हुए इसे क्रांतिकारी निर्णय करार दिया है। उन्होंने कहा कि असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख क्षेत्रों से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने का फैसला एक क्रांतिकारी निर्णय है। इसका मतलब ये है कि वहां शांति लौट आई है। कुछ जगह बच गई है, वहां भी जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी।
भाजपा मुख्यालय में शनिवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। रिजिजू ने कहा कि आज पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि पूर्वोत्तर देश की मुख्यधारा में शामिल हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर को जिस प्रकार तवज्जो दी और आगे ले जाने के लिए जिस प्रकार काम किया गया, उसके बदौलत आज पूर्वोत्तर में बदलाव आया है। रिजिजू ने कहा कि उन्हें गर्व और संतुष्टि महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि पूर्वोत्तर मुख्यधारा में आ गया है। हम हमेशा सुनते थे कि पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ना है।
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि तीनों राज्यों से एएफएसपीए हटाने के फैसले का साफ मतलब है कि वहां शांति लौट आई है। कुछ जगह बच गई है, वहां भी जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी। ऐसे ही असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं को लेकर चल रहे मुद्दों पर भी गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात करके उनके समाधान की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि असम और मेघालय के बीच में जो मुख्य मुद्दा था, उसके पहले हिस्से का समाधान लगभग पूरा कर लिया गया है और दूसरे हिस्से का समाधान भी होने वाला है।आज पूरे पूर्वोत्तर में पूरी तरह से शांति कायम है। मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं कि आज नॉर्थ ईस्ट में कोई भी आराम से जा सकता है और वहां आराम से घूम सकता है।
रिजिजू ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जो भी समझौते हुए हैं, जैसे बोडो समझौता, एनएलएफटी, ब्रू-रियांग समझौता, जैसे कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, इनके कारण ही आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को आज नार्थ ईस्ट के बड़े हिस्से से हटाया गया है और वहां शांति स्थापित हुई है।
वहीं, प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि मोदी सरकार के 3 लक्ष्य रहे हैं। पहला, पूर्वोत्तर के लिए ऐसी नीतियां की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा हो। दूसरा, बड़े मुद्दों को हल हो और विवादों का निस्तारण प्रभावी तरीके से किया जाए। तीसरा, पूर्वोत्तर के राज्यों में प्रगति हो और वे मुख्यधारा में शामिल हों।