Ministry of Women and Child Development : मिशन पोषण 2.0, शक्ति और वात्सल्य को लेकर राज्यों के साथ सम्मेलन करेगा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। मिशन पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राज्यों के साथ सम्मेलन करेगा। इन आयोजनों के माध्यम से कुपोषण संबंधी चिंताओं को दूर करने और महिलाओं के सशक्तिकरण, विकास और संरक्षण के लिए सुझाव लिए जाएंगे। मंत्रालय राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों चंडीगढ़ (2 अप्रैल), बेंगलुरु (4 अप्रैल), गुवाहाटी (10 अप्रैल), मुंबई (12 अप्रैल) और भुवनेश्वर (13 अप्रैल) में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार क्षेत्रीय सम्मेलनों का उद्देश्य मिशन पोषण, मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य के बारे में राज्य सरकारों एवं संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को संवेदनशील बनाना है ताकि अगले 5 वर्षों में योजनाओं के उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ मिशन के तहत तैयार की गई योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा सकें।

उल्लेखनीय है कि भारत की आबादी का 67.7 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं। इनके विकास और कल्याण के लिए कैबिनेट ने मिशन मोड में 3 महत्वपूर्ण प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें मिशन पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य योजना शामिल है। सभी तीन मिशनों को 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान लागू किया जाएगा।

क्या है मिशन पोषण 2.0

मिशन पोषण 2.0 एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य पोषण सामग्री और वितरण में एक रणनीतिक बदलाव के माध्यम से बच्चों, किशोर लड़कियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना है। इसके साथ इनके स्वास्थ्य, कल्याण और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाली कार्य प्रणाली को विकसित करने वाला एक इकोसिस्टम तैयार करना है। पोषण 2.0 पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत भोजन की गुणवत्ता और वितरण को सुधारने का प्रयास करेगा।

मिशन शक्ति

मिशन शक्ति महिलाओं के समग्र कल्याण और विकास को सुनिश्चित करेगा। मिशन शक्ति के दो घटक, संबल’ और ‘समर्थ’ हैं। ‘संबल’ का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा एवं उसे मजबूत करना है, वहीं ‘समर्थ’ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है।

मिशन वात्सल्य

हर बच्चे के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करने के लिए, मिशन वात्सल्य के माध्यम से वितरण संरचनाओं, संस्थागत देखभाल और समुदाय-आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करके एक संवेदनशील, सहायक और सिंक्रनाइज़ पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की योजना की शुरुआत की है।

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