बैतूल, 31 मार्च (हि.स.)। रबी सीजन में इस साल मौसम अनुकूल रहने, फरवरी-मार्च माह में ओलावृष्टि नहीं होने और ठंड का दौर लंबा चलने से जिले में गेहूं की गुणवत्ता बेहतर हुई है। गेहूं के उत्पादन में प्रति हेक्टेयर की भी बीते वर्षों के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है।
बंपर उत्पादन के बावजूद गेहूं के दाम खुले बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक है।इसके चलते मंडी में गेहूं की बंपर आवक हो रही है। गेहूं की क्वालिटी ठीक होने से जिले का गेहूं थाइलैंड सहित दूसरे देशों में जा रहा है। दिल्ली के व्यापारी भी बैतूल मंडी से गेहूं की खरीद करवाकर मालगाड़ी से सीधे गुजरात के बंदरगाह पर पहुंचा रहे हैं, जहां से गेहूं जहाज में लोड होकर थाइलैण्ड जाएगा। अभी तक सरकार गेहूं की खरीद समर्थन मूल्य पर करती थी लेकिन इस साल मंडी में गेहूं की आवक ज्यादा होने से रेलवे भी पर्याप्त मात्रा में रैक नहीं उपलब्ध करवा पा रहा है, इससे बैतूल मंडी में भी गेहूं की खरीद प्रभावित होने की संभावना है। इसका उदाहरण भी बुधवार को देखने को मिला जब व्यापारियों ने असमर्थता जताते हुए कृषि उपज मंडी बडोरा में गेहूं की खरीद नहीं की।
अनुकूल मौसम से हुआ बंपर उत्पादन
जिले में लंबे समय बाद गेहूं की फसल के अनुकूल मौसम रहा। नवंबर- दिसंबर में गेहूं की बुआई के बाद कड़ाकेदार ठंड पड़ी। फरवरी माह के अंत तक ठंड का असर रहने और फरवरी- मार्च माह में प्रतिवर्षानुसार ओलावृष्टि नहीं होने से जिले में गेहूं का बंपर उत्पादन होने के साथ ही क्वालिटी भी बेहतर हुई है।
समर्थन मूल्य से अधिक दाम में बिक रहा गेहूं
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है लेकिन जिले में बंपर आवक होने के बावजूद बैतूल कृषि उपज मंडी में गेहूं के प्रचलित दाम 2050 रुपये के आसपास चल रहे हैं। अधिकतम मूल्य तो 2181 रुपये तक पहुंच गया है जिसके चलते किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं देने के बजाए कृषि उपज मंडी लाकर ओपन में गेहूं की बिक्री कर रहे हैं। मार्च माह में कृषि उपज मंडी में 15 से 20 हजार बोरे तक की आवक होने लगी है।
थाईलैण्ड जा रहा गेहूं
इस साल विदेशों में गेहूं एक्सपोर्ट करने वाले दिल्ली सहित अन्य महानगरों के व्यापारी गेहूं की खरीद कर रहे है। बैतूल कृषि उपज मंडी के अनाज व्यापारी प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली के व्यापारी मंडी के व्यापारियों से गेहूं की खरीद करवा कर रैक बुक करवा रहे है। बैतूल मंडी से गेहूं सीधे रैक पाइंट बैतूल या मरामझिरी पहुंच रहा है। यहां से गेहूं गुजरात के बंदरगाह जा रहा है। श्री अग्रवाल ने बताया कि बंदरगाह से जिले का गेहूं वर्तमान में थाईलैण्ड जा रहा है।
रैक का टोटा बिगाड़ सकता है खेल
आमतौर पर प्रतिवर्ष जिले से गेहूं बाहर नहीं जाता था। जिसके चलते गेहूं के सीजन में रैक की आवश्यकता नहीं पड़ती थी। अपै्रल माह में बिहार से मक्का निकलती है जिसमें अधिकतर रैक बिहार में लगने के कारण उपलब्ध नहीं होती है। अभी हाल में ही एक व्यापारी द्वारा गेहूं भेजने रविवार सुबह रैक मांगी गई थी लेकिन उसे बुधवार सुबह 11 बजे रैक मिल पाई जिससे मरामझिरी में तीन दिनों तक गेहूं का स्टाक रखा गया था। अपै्रल माह में भी बैतूल मंडी में गेहूं की बंपर आवह होने का अनुमान है जिसमें अधिकतर गेहूं मालगाड़ी के माध्यम से बाहर भेजा जाएगा। ऐसे में यदि अपै्रल माह में रेलवे द्वारा पर्याप्त रैक उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो मंडी में गेहूं की खरीदी प्रभावित होगी।
चार दिन बंद रहेगी बैतूल मंडी,बुधवार को नहीं हुई गेहूं की खरीदी
वित्तीय वर्ष समाप्त होने के साथ ही गुढ़ी पाड़वा और रविवार आने के कारण आज से चार दिनों तक कृषि उपज मंडी बंद रहेगी। अब सोमवार को ही मंडी में अनाज की नीलामी होगी। लेकिन सब्जी मंडी यथावत चालू रहेगी। चार दिन तक मंडी बंद रहने के बावजूद बुधवार को भी मंडी में गेहूं की खरीदी नहीं हुई। कृषि उपज मंडी बैतूल सचिव सुरेश कुमार भालेकर ने हिस को बताया कि मार्च क्लोजिंग का हिसाब करने व्यापारियों ने बुधवार को गेहूं खरीदी करने में असमर्थता जताई थी जिसके चलते बुधवार को मंडी में गेहूं की खरीदी नहीं की गई। श्री भालेकर ने बताया कि गुरूवार को वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने से मंडी बंद रहेगी। शुक्रवार को बैंक बंद होने के कारण शनिवार को गुढ़ी पाड़वा होने और रविवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण चार दिनों तक मंडी बंद रहेगी। अब मंडी में अनाज की खरीदी सोमवार को होगी वहीं सब्जी मंडी यथावत चालू रहेगी।