मुख्यमंत्री की पहल से औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी
लखनऊ, 30 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के विकास का एजेंडा तय करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर बड़ी छलांग लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत अगले 100 दिनों में एक भव्य ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन लखनऊ में किया जाएगा। इस ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में उद्योग जगत के सभी प्रमुख औद्योगिक घरानों के मुखिया मौजूद रहेंगे। इस आयोजन के जरिए 10 लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश को प्रदेश में लाने की कवायद शुरू होगी।
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के जरिए रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मार्च 2017 में जब आदित्यनाथ की सरकार आई थी, तब सरकार के सामने युवाओं को रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसका संज्ञान लेते हुए ही शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शासन के सभी प्रमुख सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करके प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति बनाने के निर्देश देने के साथ ही 21 और 22 फरवरी 2018 को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन लखनऊ में करने का फैसला किया। इस इन्वेस्टर्स समिट के जरिए मुख्यमंत्री ने लखनऊ के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की तस्वीर देश में बदलने की कोशिश की, जिसमें काफी हद तक सरकार सफल भी रही। अब फिर उसी तर्ज पर राज्य में भव्य ग्राउंड सेरेमनी का आयोजन करने की तैयारी है।
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में यह पहला मौका था जब इतने बड़े पैमाने पर देश के जाने-माने उद्योगपतियों ने समिट में हिस्सा लिया। योगी सरकार को इस आयोजन में देश के नामी उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया था और समिट के दौरान 4.65 लाख करोड़ रुपये के 1065 एमओयू साइन हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में पहली बार राज्य में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एमओयू इस समिट में साइन हुए थे। इस समिट के दौरान प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी के जरिए सरकार ने पूरा रोडमैप तैयार किया था। तब हर जिले के पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को भी बढ़ावा दिया था। इस इन्वेस्टर्स समिट के बाद सरकार ने 28 जुलाई को प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला जैसे बड़े नामी उद्योगपति इसमें शामिल हुआ थे।
आदित्यनाथ की पहल पर हुए इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से बीते पांच वर्षों में औद्योगिक निवेश की तस्वीर बदली है। ये दोनों आयोजन राज्य में औद्योगिक निवेश को लाने का एक्सप्रेसवे साबित हुआ। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार इंवेस्टर समिट में देश विदेश के बड़े निवेशकों ने 4.65 लाख करोड़ के 1045 निवेश प्रस्ताव सरकार को सौंपे थे। इसमें से 215 निवेशकों ने 51 हजार 240.25 करोड़ रुपये का निवेश कर अपने उद्यम स्थापित कर दिए हैं। जबकि 130 निवेशक 37,478.63 करोड़ रुपये का निवेश कर अपना उद्यम स्थापित कर रहे हैं और 449 निवेशक 86 हजार 842.89 का निवेश कर अपना उद्यम स्थापित करने की कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य की जीडीपी तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इस तरह के औद्योगिक निवेश का आना जरूरी था।
कोरोना संकट के दौरान भी राज्य में 96 निवेशकों ने 66 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में करने की पहल की। यहीं नहीं प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में 50 हजार करोड़ रुपये के होने वाले निवेश से पांच लाख लोगों के रोजगार पाने के अवसर बने। अब डिफेंस कारिडोर के चलते लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनेगी और अलीगढ़ नोड में 1245 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो रहा है। राज्य में औद्योगिक निवेश के इस सिलसिले को बढ़ाने में अब सौ दिनों में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी अहम भूमिका निभाएगी। इसके जरिए प्रदेश में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने की शुरुआत होगी।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि संकल्प पत्र में इस लक्ष्य को रखा गया है। इसलिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। उद्योग जगत के नामी लोगों को इस आयोजन में आमंत्रित कर प्रदेश में बने औद्योगिक निवेश के माहौल को और बेहतर किया जाएगा।