लखनऊ, 29 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत अपने दो दिवसीय प्रवास के तहत लखनऊ में दूसरे दिन भी समाज के प्रबुद्ध जनों के साथ भेंट की। सरसंघचालक ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व डीजीपी, सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज, केन्द्रीय संस्थानों के प्रमुख व पद्मश्री से सम्मानित विभूतियों से भेंट की। सरसंघचालक ने दो दिन में तीन सत्रों के दौरान 25 से अधिक लोगों से भेंट की।
सरसंघचालक ने समाज के प्रमुख लोगों से चर्चा के दौरान संघ व संघ के स्वयंसेवकों द्वारा विविध क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया। सरसंघचालक ने विशिष्ट लोगों से नि:स्वार्थ भाव से समाज हित में काम करने का आग्रह किया।
डॉ मोहन भागवत ने संघ की गतिविधियों के बारे में भी प्रबुद्ध जनों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधि के माध्यम से समाज में सामाजिक समरसता निर्माण करने के लिए काम कर रहे हैं।
सरसंघचालक ने कहा कि हमें अपने मत, पंथ, जाति, भाषा, प्रान्त आदि से उठकर राष्ट्रहित का विचार करना होगा। हमारी पूजा-पद्धति अलग हो सकती है लेकिन हमारे पूर्वज व हमारी मातृभूमि एक है। इसलिए संकुचित स्वार्थ से बाहर आकर देशहित को सर्वोपरि मानकर काम करना होगा।
सरसंघचालक के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख रामलाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक अनिल, क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख सुरेश चन्द्र, अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल, प्रान्त सम्पर्क प्रमुख जयवीर सिंह और विशेष संपर्क का काम देख रहे प्रशान्त भाटिया भी उपस्थित रहे।