Madhya Pradesh : यूरोपियन देशों में गेहूं निर्यात के लिए तैयार रहे मध्यप्रदेश : केन्द्रीय खाद्य सचिव

भोपाल, 29 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव सुधांशु पाण्डेय इन दिनों मध्य प्रदेश के प्रवास पर हैं। उन्होंने कहा है कि यूरोप में गेहूं और आटे की कमी के कारण संभावना है कि व्यापारी अपने सभी संभावित साधनों के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता के गेहूं को खरीद सकते हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश अपने गेहूं का वैश्विक बाज़ार में प्रचार-प्रसार करे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के प्रचार-प्रसार के लिए ब्रांड इंडिया इक्विटी फाउंडेशन की भी मदद ले सकता है। उन्होंने बताया कि जिन निर्यातकों के पास निर्यात आर्डर हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर रेलवे द्वारा रेक दी जायेगी।

केन्द्रीय खाद्य सचिव पाण्डेय मंगलवार को उज्जैन प्रवास के दौरान अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मध्यप्रदेश राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि), प्रमुख सचिव (खाद्य), प्रमुख सचिव (सहकारिता), प्रमुख सचिव (उद्योग) एवं अन्य अधिकारियों के साथ फसल के विविधिकरण, मध्यप्रदेश के गेहूं की ब्रांडिंग एवं निर्यात, राज्य की उपार्जन संबंधी तैयारियां, फोर्टिफाइड चावल का वितरण, मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा, एथनॉल उत्पादन की नीति और फोर्टिफाइड राइस केर्नेल्स का उत्पादन करने के लिए इकाइयों की स्थापना आदि पर विचार-विमर्श किया गया।

केन्द्रीय खाद्य सचिव पाण्डेय ने बैठक के बाद उज्जैन में उचित मूल्य दुकानों तथा खरीदी केन्द्रों की कार्य प्रणाली का निरीक्षण किया। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के हितग्राहियों एवं किसानों से चर्चा की। प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति फैज अहमद किदवई ने उन्हें राज्य सरकार के किसानों की सुगमता के लिए खरीदी केन्द्रों पर गेहूं सफाई की मशीनें लगाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों से उनकी उपज का एक-एक दाना प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर क्रय करेगी।

केन्द्रीय खाद्य सचिव ने प्रमुख सचिव किदवई के साथ देवास स्थित स्टील साइलो का भी निरीक्षण किया तथा किसानों की सुविधा हेतु साइलो परिसीमा में ही स्थापित खरीदी केंद्र तथा साइलो के विभिन्न प्रकार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने किसानों से चर्चाकर इस संबंध में फीडबैक भी लिया। प्रमुख सचिव किदवई ने साइलो के वैज्ञानिक भण्डारण के फायदों से अवगत कराया। केन्द्रीय खाद्य सचिव ने अपनाई गई स्वचालन प्रक्रिया और इसके आधुनिकीकरण की प्रशंसा की।

केन्द्रीय सचिव ने अधिकारियों से चर्चा में एकीकृत बाल विकास योजना एवं मध्यान्ह भोजन में फोर्टिफाइड चावल की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों की पूर्ति के लिए देश में सरसों, सुरजमुखी जैसी फसलों के उत्पादन पर जोर दिया जाना चाहिए।

प्रमुख सचिव किदवई ने बताया कि राज्य में भण्डारण क्षमता को लगातार बढ़ाया गया है। वर्तमान में राज्य सरकार के निजी और प्राइवेट गोदामों में 225 लाख मीट्रिक टन से अधिक की क्षमता का इस्तेमाल हो रहा है। केन्द्रीय खाद्य सचिव ने सुझाव दिया कि दूरदराज़ के जनजातीय क्षेत्रों में यह क्षमता बढ़ाई जाए ताकि खाद्यान्न की उपलब्धता हर समय सुनिश्चित की जा सके और स्थानीय लोग इससे लाभांवित हो सकें। उन्होंने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि प्रदेश में एवं जिलों के एनएफएसए (एनएफएसए) कवरेज को बढ़ाया जाए जो वर्तमान में 88फीसद है।

इससे पहले सोमवार को केन्द्रीय खाद्य सचिव पाण्डेय ने भोपाल संभाग के ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर उचित मूल्य दुकानों को निरीक्षण कर वितरण प्रणाली का जायजा लिया था। उन्होंने यहां वितरण किए जाने वाले गेहूं और चावल की गुणवत्ता की सराहना करते हुए उसे निर्यात योग्य बताया था।

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