नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। यूक्रेन-रूस संकट का असर अपने देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर के अनुमान को 0.8 फीसदी घटा दिया है। एजेंसी ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में आगामी वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही के दौरान जीडीपी में वास्तविक वृद्धि दर तीन से 4 फीसदी रह सकती है, जो तीसरी तिमाही के दौरान 5.4 फीसदी थी। इस लिहाज से एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में वास्तविक वृद्धि दर 8.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक जीडीपी वृद्धि दर में कटौती की वजह जिंसों की कीमतों में उछाल और यूक्रेन-रूस में जारी सैन्य संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला में बाधा है। हालांकि, नायर ने सरकार के मुफ्त अनाज योजना को सितंबर, 2022 तक के लिए बढ़ाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कमजोर वर्ग के लोगों को अपने खाद्यान्न बजट के मोर्चे पर कुछ राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2022-23 में देश की अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। इस बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 10.3 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है। फिच ने भी ग्रोथ अनुमान में कटौती की वजह यूक्रेन-रूस संकट को बताया है।