देहरादून, 29 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई वित्तीय वर्ष के लिए चार माह के लिए सदन के पटल पर 21 हजार 116 करोड़ 81 लाख का लेखानुदान पेश किया। विपक्ष ने सदन में लेखानुदान बजट को रोकर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की मांग की। इसी के साथ सदन बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही बिना विभाग के मंत्रियों और बगैर नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में शुरू हुआ।
मंगलवार सुबह पांचवीं विधानसभा की पहले सत्र का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण से 11 बजे सदन का शुभारंभ हुआ। राज्यपाल ने अभिभाषण में नए लक्ष्यों और पिछले सरकार के कार्यों के संकल्प दोहराते हुए विकास कार्यों को पूरा करने की उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता के साथ भविष्य की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं पर फोकस रहा। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में महंगाई के विरोध में बैनर दिखाने शुरू किए। सदन की कार्यवाही बिना मंत्रियों के विभाग और नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में शुरू हुआ।
राज्यपाल के अभिभाषण और भोजनावकास के बाद दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के वाचन की मंजूरी के बाद फिर सदन एक घंटे यानी चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद चार बजे सदन की कार्रवाई शुरू हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार नए वित्तीय वर्ष के पहले चार माह के लिए लगभग 21,116.81 करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश किया। लेखानुदान रखे जाने के बाद बुधवार को इसे पारित किया जाएगा। इस लेखानुदान में सरकार के चार महीने के खर्च की व्यवस्था की गई है। इसमें 16 हजार सात करोड़ राजस्व मद और पांच हजार एक सौ नौ करोड़ पूंजीगत मद में रखे गए हैं।
लेखानुदान में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के लिए 5796 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य लाभ के लिए 2229 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार की ओर से लिए गए ऋणों के भुगतान के लिए 1563 करोड़ और पूंजी परिव्यय के लिए 2256 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सामग्री आपूर्ति 315 करोड़,स्थानीय निकायों को हस्तांतरण के के लिए 460 करोड़ के अलावा अन्य कार्य के लिए 4709 करोड़ रखा गया है।
विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के आचरण और मार्यादा के विपरीत बताते हुए राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की मांंग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा के बाद सदन से अभिभाषण पास हो चुका है। प्रीतम सिंह भी अभिभाषण पर चर्चा की मांग पर अड़े रहे। इसके चलते सदन कल बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उत्तराखंड 2025 में विकसित प्रदेशों में होगा: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है। 2025 में उत्तराखंड विकसित प्रदेशों की श्रेणी में होगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष तौर से फोकस किया जाएग।
राज्य सरकार जनादेश के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य की समेकित निधि से धनराशि आहरण की आवश्यकता होगी। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 206 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार मुख्यतः वचनबद्ध मदों के आहरण हेतु चार माह का लेखानुदान सदन में प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्यपाल के अभिभाषण के संकल्पों के साथ ही प्रदेश की जनता से किये गये वादों एवं संकल्पों को पूर्ण करने के लिये प्रतिबद्ध है। राज्य में समान नागरिक संहिता के सम्बन्ध में राज्य की कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। हमने राज्य की गरीब माता व बहनों को साल में निशुल्क तीन गैस सिलेंडर देने का वादा किया है, उसे भी पूरा करने के साथ ही रोजगार सृजन आदि के सम्बन्ध में जो भी वादे हमने जनता से किये हैं। उन्हें विकल्प रहित संकल्प के साथ पूर्ण किया जायेगा। उन्हें विश्वास है कि प्रस्तुत लेखानुदान राज्य के विकास को गति प्रदान करेगा। देव तुल्य जनता ने जो भरोसा हम पर किया है उस भरोसे पर खरा उतरने के लिए बेहतर निर्णय लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रियों के विभागों के बटवारे पर कहा कि बहुत जल्द ही इस पर निर्णय होगा। सत्र संचालन के लिए केवल मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को संसदीय और विधायी कार्य विभाग दिया गया है। उत्तराखंड में 23 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी शपथ लिए थे।
लेखानुदान सदन के पटल पर रखा गया है: प्रेमचंद
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि वित्त विभाग ने वर्ष 2022 -23 के लिए कुल 62 हजार 468 करोड़ 50 लाख का बजट प्रस्ताव तैयार किया था।
पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई तक के लिए 21 हजार 116 करोड़ 81 लाख का लेखानुदान सदन के पटल पर रखा गया है। लेखानुदान सरकार के जरूरी खर्चों का बजट है। बजट अगले सत्र में अन्य महीनों के लिए पेश किया जाएगा।
बिना मंत्री और बगैर नेता प्रतिपक्ष के चला सदन
इस बार सदन बिना विभागीय मंत्री और बगैर नेता प्रतिपक्ष के चला। इस बार प्रदेश की महिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने इसका संचालन किया। कांग्रेस भी अभी नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। कांग्रेस सदन में पूरी एकजुटता के साथ सत्ता पक्ष पर आक्रमकता के साथ नहीं दिखी। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत पहली बार हरिद्वार ग्रामीण से विधायक सदन में आई है। वे महंगाई को लेकर विरोध सदन और बाहर दोनों जगहों पर मुखरता से विरोध किया, लेकिन उनके साथ कांग्रेस का कोई अन्य विधायक साथ देते नहीं दिखे। अनुपमा ने कहा कि कांग्रेस एकजुट है। सत्ता के मद में विपक्ष को रोकने की कोशिश की जा रही है।
तिलकराज बेहड़ ने ली शपथ-
किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ ने विधानसभा सदस्यता की शपथ ली। पूर्व में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण वह शपथ नहीं ले पाए थे। आज सुबह 10 बजे विधानसभा सचिव ने अपने कक्ष में उन्हें शपथ दिलवाई। सदन में बेहर का हाल जानने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित अन्य नेता उनके पास गए।