नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रविवार को एक परिपत्र के माध्यम सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को कहा है कि वे अपने यहां स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को आधार बनाएं।
यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने आज कहा कि हमने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को अपने यूजी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के लिए लिखा है। उन्होंने कहा कि सीयूईटी परीक्षा से छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों की दाखिले परीक्षा देने की चिंता से मुक्ति मिलेगी।
राज्य विश्वविद्यालयों को लिखे परिपत्र में विश्वविद्यालयों और कालेज प्रमुख का ध्यान 21 मार्च को जारी सार्वजनिक सूचना की ओर आकर्षित कराया गया है। इसमें यूजीसी द्वारा वित्त पोषित भारतीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से करने को कहा गया है। सीयूईटी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा हिन्दी और अंग्रेजी सहित 13 भाषाओं में आयोजित करने का प्रावधान है।
परिपत्र में लिखा है कि देश में कई राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थान (ईएल) भी यूजी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए 12वीं बोर्ड के अंकों का उपयोग करते हैं या प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।