रायपुर, 27 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण के तहत 1136 हेक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति दे दी है। अब प्रदेश की थर्मल इकाइयों को कोयले की सुचारू आपूर्ति हो सकेगी। उक्त जानकारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट के माध्यम से दी है।
शनिवार शाम को उन्होंने ट्वीट किया है कि श्री बघेल के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए पारसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी और राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में माइनिंग करने की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया था। श्री बघेल के साथ बैठक के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने तत्काल प्रभाव से निर्णय लेते हुए परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण में कोयला उत्खनन के लिए वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान कर दी है।
भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली की पत्र दिनांक दो फरवरी के माध्यम से सरगुजा जिले के सरगुजा वनमंडल अंतर्गत परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक से कोयला उत्खनन कार्य हेतु फेज -II के तहत् 1136.00 हे. वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्रदान की गई है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जिला कलेक्टर एवं जिला वनमंडलाधिकारी को उपरोक्तानुसार जारी अनुमति में उल्लेखित शर्तों का पालन करा आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला कलेक्टर एवं जिला वनमंडलाधिकारी द्वारा शर्तों का पालन सुनिश्चित किए जाने पर की कार्ययोजना का परीक्षण कर समग्र विचारोपरांत खनन प्रारंभ करने के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।