लखनऊ, 25 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी-1 सरकार के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा समेत कई दिग्गज मंत्रियों को योगी-2 सरकार की मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिल सकी है। इसके पीछे के आलग-अलग कारण हैं। कुछ के प्रति कार्यकर्ताओं और आम जनता की नाराजगी उन पर भारी पड़ी तो कुछ भाजपा के चुनावी गुणा-गणित में फिट न हो सके। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर योगी मंत्रिपरिषद में नेताओं को जगह दी है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा संगठन की जिले की राजनीति से शुरू की थी। वह 2017 में उप मुख्यमंत्री बनाए गए। इस बार उन्हें मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया। कार्यकर्ताओं में दिनेश शर्मा को लेकर खास नाराजगी देखने को मिल रही थी। संघ के बेहद करीबी नेताओं में शुमार दिनेश शर्मा स्थानीय स्तर पर सामंजस्य बनाने में असफल रहे। सियासी गलियारे में उनके प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। यदि भाजपा किसी ब्राह्मण चेहरे को अध्यक्ष बनाती है तो दिनेश शर्मा को पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा टक्कर देंगे। श्रीकांत भी योगी सरकार-02 में जगह बनाने में सफल नहीं हो पाए। राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा गाहे-बगाहे होती रहती है कि भाजपा में संगठन का मुखिया वह ही व्यक्ति हो सकता है जो सरकार के साथ सामंजस्य बना सके। इस लिहाज से दिनेश शर्मा अध्यक्ष पद की रेस में आगे माने जा रहे हैं। वह मुख्यमंत्री योगी के करीबी माने जाते हैं।
आठ बार के विधायक सतीश महाना भी हुए बाहर
योगी-2 सरकार में जगह नहीं बना पाने वाले नेताओं में अकेले दिनेश शर्मा का नाम ही चौंकाने वाला नहीं है। कानपुर की महाराजपुर सीट से विधायक सतीश महाना भी मंत्री नहीं बने हैं। वह भाजपा से ही आठवीं बार विधायक बने हैं। भाजपा के पास इस तरह लंबा अनुभव वाले विधायक बहुत कम ही हैं। योगी की पहली सरकार में वह औद्योगिक विकास मंत्री के रूप में रहे। वहीं पिछली सरकार में मंत्री रहे रामनरेश अग्निहोत्री को भी मंत्री नहीं बनाया गया। वह मैनपुरी से आते हैं। सतीश महाना और अग्निहोत्री में से किसी एक का विधानसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है।
महेन्द्र सिंह भी नहीं बन पाए मंत्री
योगी की पहली सरकार में ताकतवर मंत्रियों में सुमार पूर्व जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह भी मौजूदा सरकार का हिस्सा नहीं बन पाए। संगठन से लंबे समय से जुड़कर काम करने वाले महेन्द्र सिंह लखनऊ में नगर निगम की पार्षदी का चुनाव लड़कर राजनीति में आए। संगठन में बढ़चढ़कर काम किया। संगठन ने उन्हें आगे किया। वह एमएलसी बनाए गए। 2017 में उप्र में भाजपा की सरकार बनी तो राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए गए। विस्तार में उन्हें कैबिनेट बनाया गया। कैबिनेट मंत्री बनने के साथ ही संगठन के साथ उनका समन्वय कम होने लगा। साथ ही विपक्ष के लोगों ने उनके विभाग के कामकाज पर सवाल भी उठाए। योगी02 सरकार में शामिल नहीं हो पाने की ऐसे ही कई वहज बताई जा रही है।
योगी-1 सरकार के इन मंत्रियों को नहीं मिली जगह
1-दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री
2-सतीश महाना
3-श्रीकांत शर्मा
4-सिद्धार्थ नाथ सिंह
5-राम नरेश अग्निहोत्री
6-रमापति शास्त्री
7-डॉ. महेंद्र सिंह
8-आशुतोष टंडन
9-जय प्रताप सिंह
10-अशोक कटारिया
11-नीलकंठ तिवारी
12-श्रीराम चौहान
13-अतुल गर्ग
14-जय कुमार जैकी
15-अनिल शर्मा
16-सुरेश पासी
17-चौधरी उदय भान सिंह
18-रामशंकर सिंह पटेल
19-नीलिमा कटियार
20-महेश गुप्ता
21-जीएस धर्मेश
22-पलटू राम
23-मोहसिन रजा