नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। देश में अब से 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस मनाया जाएगा। विलुप्त हो रहे डॉल्फिन के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने के मकसद से राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति ने अपनी 67वीं बैठक में इस वर्ष से 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
इसका उद्देश्य डॉल्फिन के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करना और सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करना है।
डॉल्फिन के बारे में रोचक तथ्य
डॉल्फ़िन, कछुओं, मगरमच्छों और शार्क की कुछ प्रजातियों के साथ-साथ दुनिया के सबसे पुराने जीवों में से एक हैं। गंगा नदी में डॉल्फिन को आधिकारिक तौर पर सन 1801 में खोजा गया था। डॉल्फिन कभी नेपाल, भारत और बांग्लादेश की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदी में रहती थीं। लेकिन अब डॉल्फिन विलुप्त होने के कगार पर है। केन्द्र सरकार के प्रयासों से इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ के अनुसार डॉल्फिन की संख्या 1200 से 1800 के बीच है।
गंगा नदी की डॉल्फिन केवल मीठे पानी में रह सकती है और अनिवार्य रूप से अंधी होती हैं। वे अल्ट्रासोनिक ध्वनियों का उत्सर्जन करके शिकार करते हैं। वे अक्सर अकेले या छोटे समूहों में पाए जाते हैं। आमतौर पर डॉल्फिन अपने बच्चे के साथ यात्रा करते हैं। डॉल्फिन हर दो से तीन साल में एक बार एक बछड़े को जन्म देती हैं।