मेरठ, 25 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी मंत्रिपरिषद में राज्यमंत्री के रूप में शामिल किए गए डॉ. सोमेंद्र तोमर अपने छात्र जीवन से ही तेजतर्रार रहे। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे डॉ. तोमर भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। जनता से सीधे जुड़ने का लाभ सोमेंद्र तोमर को 2022 में भी मिला। पश्चिम उप्र से गुर्जर चेहरे को मंत्रिपरिषद में शामिल करके भाजपा ने गुर्जर बिरादरी को साधने का प्रयास किया है।
मूलरूप से बागपत जनपद के खैला गांव निवासी डॉ. तोमर ने छात्र राजनीति से अपने सियासी करियर की शुरुआत की। एमएम कॉलेज खेकड़ा से बीएससी करने के बाद चौधरी चरण सिंह विवि परिसर से भौतिक विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की और भौतिक विज्ञान में ही पीएचडी की। इसके बाद 2003 में एबीवीपी प्रत्याशी के रूप में विवि छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद भाजयुमो से जुड़े रहे और एक गुर्जर नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। 2012 में भाजपा ने मेरठ दक्षिण सीट से प्रत्याशी घोषित करने के बाद उनका टिकट बदलकर रविंद्र भड़ाना को उम्मीदवार बना दिया। 2017 में भाजपा के टिकट पर मेरठ दक्षिण से विधायक चुने गए। 2002 में भी इसी सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में सोमेंद्र तोमर ने फिर से जीत हासिल की। तेजतर्रार विधायक के रूप में भी सोमेंद्र तोमर ने अपनी पहचान बनाई और प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। उन्होंने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास कार्य कराए।
तीन जुलाई 1980 में अध्यापक महेंद्र सिंह के घर में जन्मे सोमेंद्र के परिवार में बड़े भाई दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। 14 अप्रैल 2004 को अंजलि तोमर से विवाह हुआ। इनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं। डॉ. तोमर ने 2019 में अमेरिका में हुए इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2018 में पुणे में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित भारतीय छात्र संसद के 8वें वार्षिक सम्मेलन में सोमेंद्र को मॉडल यूथ लेजिस्लेटिव अवार्ड से सम्मानित किया गया। पिछले कार्यकाल में विधानसभा की पंचायती राज समिति उत्तर प्रदेश के सभापति रहे।
गुर्जर समाज को साधने का जिम्मा
योगी-1 सरकार में शामिल रहे अशोक कटारिया के स्थान पर सोमेंद्र तोमर को शामिल किया गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सोमेंद्र तोमर को मंत्री बनाकर भाजपा ने गुर्जर समाज को साधने का जिम्मा उन्हें दिया है। कई गुर्जर नेताओं को पछाड़ कर सोमेंद्र तोमर ने मंत्री बनने में कामयाबी हासिल की।