नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। भारतीय नौसेना के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) 887 करोड़ रुपये की लागत से दो बहुउद्देश्यीय जहाज (एमपीवी) का निर्माण करेगा। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एलएंडटी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे और अपर सचिव एवं महानिदेशक (अधिग्रहण) पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में हुए इस सौदे के तहत इन जहाजों की आपूर्ति मई, 2025 से होगी।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार यह बहुउद्देश्यीय जहाज अपनी तरह का पहला प्लेटफॉर्म होगा, जिसे भारतीय नौसेना की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाएगा। कट्टुपल्ली (चेन्नई) में स्थित एलएंडटी शिपयार्ड में बनाए जाने वाले दोनों जहाज समुद्री निगरानी और गश्त जैसी बहु-भूमिका वाले होंगे। इनमें एएसडब्ल्यू फायरिंग अभ्यासों के लिए टॉरपीडो की लॉन्चिंग और विभिन्न प्रकार के हवाई, सतह और पानी के नीचे के लक्ष्यों का संचालन करने की क्षमता होगी। ये जहाज मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सहायता प्रदान करने में भी सक्षम होंगे। साथ ही नौसेना के हथियारों और सेंसर के परीक्षण मंच के रूप में भी काम करेंगे। इसके अलावा हमारे द्वीप क्षेत्रों में रसद सहायता प्रदान करने के लिए उपयुक्त होंगे।
उन्होंने कहा कि यह अनुबंध केंद्र सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के साथ ही प्रोत्साहित करेगा। इसमें लगाए जाने वाले अधिकांश उपकरण और प्रणाली स्वदेशी होंगे। इसलिए ये जहाज रक्षा मंत्रालय की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल का गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।