नई दिल्ली, 24 मार्च (हि.स.)। पश्चिमी जिले स्थित तिहाड़ जेल ने पहली बार बने कैदियों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब पहली बार अपराध कर जेल आने वाले विचाराधीन कैदियों को पेशेवर अपराधियों से अलग रखा जाएगा। इसके लिए तिहाड़ और मंडोली में एक-एक जेल को आरक्षित रखा गया है। यहां पर कोई भी ऐसा कैदी नहीं रखा जाएगा जो पहले भी अपराध कर चुका हो।
तिहाड़ जेल को अपराध की पाठशाला के तौर पर देखा जाता है। यहां पर जब कोई पहली बार अपराध कर पहुंचता है तो कुख्यात बदमाश उसे पेशेवर अपराधी बनाने की कोशिश करते हैं। बदमाशों द्वारा उसे सिखाया जाता है कि किस तरह वह एक बड़ा बदमाश बन सकता है।
कैसे वह वाहन चोरी, शराब तस्करी, हथियारों की तस्करी, लूट, डकैती आदि को उनके साथ अंजाम दे सकता है। इसके अलावा कुछ गैंग ऐसे युवाओं को अपने साथ शामिल कर लेते है। उनकी मदद करने के नाम पर उन्हें अपने गैंग में शामिल करते हैं और बाहर निकलने पर उनसे अपराध करवाते हैं। ऐसे हजारों उदाहरण पुलिस के समक्ष आते रहे हैं।
तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि ऐसे मामलों को रोकने के मकसद से यह महत्वपूर्ण फैसला किया है। उन्होंने बताया कि अब पहली बार अपराध कर जेल आने वाले कैदियों के लिए अलग जेल की व्यवस्था कर दी है और यह व्यवस्था आज से ही लागू कर दी गई है।
दो जेलों में बनाया गया अलग स्थान
इसके लिए तिहाड़ जेल नंबर-4 और मंडोली की जेल नंबर-12 को आरक्षित कर दिया गया है। इन दोनों जेल में केवल ऐसे कैदियों को रखा जाएगा जो पहली बार अपराध करके पहुंचे हैं। इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यहां जाने के लिए कोई कैदी झूठ न बोले। इसलिए जेल आने पर कैदी का फिंगरप्रिंट लिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि वह पहले भी जेल आया है या नहीं। इसके बाद ही उसे इन दोनों जेलों में भेजा जाएगा।
पेशेवर अपराधी बनने से बच पायेंगे नये अपराधी
जेल के सूत्रों ने बताया कि इस पहल से दो महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे। सबसे पहला कि पहली बार अपराध कर जेल पहुंचने वाले पेशेवर अपराधी बनने से बच सकेंगे। वह बुरी संगत से दूर रहेंगे तो उनके सुधरने की संभावना ज्यादा रहेगी। दूसरा जेल में बंद कुख्यात कैदियों की प्रताड़ना और जबरन उगाही का शिकार होने से उन्हें बचाया जा सकेगा। जेल प्रशासन को उम्मीद है कि इस पहल से भविष्य में अपराध भी कम होंगे।
जेल प्रशासन के अनुसार अब तक फर्स्ट टाइमर (पहली बार अपराध करने वाले) कैदियों को तिहाड़ और मंडोली जेल के साथ-साथ रोहिणी जेल में भी रखा जाता था, लेकिन 24 मार्च को यह तय कर दिया गया कि अब से जो भी फर्स्ट टाइमर अंडरट्रायल कैदी जेल में आएंगे उन्हें निर्धारित किये गए दो ही जेलों में रखा जाएगा, जिससे कि वह क्रिमिनल के संपर्क में ना आ सकें।
जानकारी के अनुसार द्वारका, साकेत, रोहिणी, तीस हजारी और पटियाला हाउस कोर्ट के अंतर्गत आने वाले अंडर ट्रायल कैदियों को तिहाड़ के जेल नंबर 4 में ही भेजा जाएगा। जबकि कड़कड़डूमा कोर्ट के अंतर्गत आने वाले अंडर ट्रायल कैदियों को मंडोली के जेल नंबर 12 में रखा जाएगा।
वहीं जो फर्स्ट टाइमर कैदी जेल में लाए जाएंगे उनके रिकॉर्ड की जांच फिंगरप्रिंट के जरिए होगी, जिससे यह पता चल सके कि वह वास्तव में फर्स्ट टाइमर अंडर ट्रायल कैदी है या नहीं, क्या वह पहले किसी दूसरे नाम से बंद तो नहीं हुआ था।
डीजी संदीप गोयल ने बताया कि इस योजना से बेहतर रिजल्ट आ सकता है। 24 मार्च को प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम ने भी तिहाड़ के जेल नंबर 4 में इस तरह की तैयारियों का जायजा लिया था। वह तिहाड़ जेल मुख्यालय के अलावा जेल नंबर 4, 6 और 2 में भी गए थे।