कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट के बगटुई गांव का दौरा किया। इससे पहले उन्हें पुलिस ने रोक लिया था। इस गांव में आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था। अधीर ने इस नरसंहार की घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
गुरुवार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी रामपुरहाट के बगटुई गांव जाने के लिए निकले थे। इस गांव में आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आने का भी कार्यक्रम था। इस पर कांग्रेस नेता चौधरी को पुलिस ने शांति निकेतन के पास ही रोक दिया था। इससे नाराज चौधरी करीब दो घंटे तक वहीं धरने पर बैठे रहे। मुख्यमंत्री की वापसी के बाद चौधरी को घटनास्थल पर जाने की अनुमति दी गई। इस पर नाराज चौधरी ने कहा कि यह रास्ता सार्वजनिक है, न कि किसी के पिताजी का है। उन्होंने कहा कि नरसंहार की घटना दिल दहलाने वाली है और इसकी सीबीआई जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे यहां आने से रोका गया, मैंने दो घंटे धरना दिया तब जाकर मुझे यहां आने की इजाजत मिली।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री आज यहां पिकनिक करने आईं थीं। हेलीकॉप्टर से आईं यहां खाना खाया और चली गईं। मुख्यमंत्री को यहां के लोगों के साथ बैठकर बातें सुननी चाहिए थी। चौधरी ने कहा कि यहां के लोग सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं, इसलिए हमने आर्टिकल 355 लगाने की मांग की है। हम इसके लिए कोर्ट में भी गए हैं। हमारी मांग है कि घटना की सीबीआई जांच हो।
उन्होंने कहा कि यहां मानव राज की जगह दानव राज है। मुख्यमंत्री ने राज्य को तबाह कर दिया है। पुलिस और तृणमूल की मिलीभगत से राज्य को लूटा जा रहा है। बंगाल में जैसे हालात हैं, किसी अन्य राज्य को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने का आग्रह किया था। पत्र में उन्होंने चुनाव बाद हिंसा का भी जिक्र किया था।