नई दिल्ली, 24 मार्च (हि.स.)। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार खुर्रम परवेज समेत तीन आरोपितों की न्यायिक हिरासत 50 दिनों के लिए बढ़ा दी है। स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने एनआईए की जांच की अवधि बढ़ाने की मांग मंजूर करते हुए ये आदेश दिया।
दरअसल, यूएपीए की धारा 45(डी) (2)(बी) के तहत अगर जांच एजेंसी 90 दिनों में जांच पूरी नहीं करती है और अगर कोर्ट इस बात से संतुष्ट होता है कि जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाना जरूरी है तो वो जांच की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन तक कर सकता है। जांच अवधि बढ़ाते समय कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि 18 फरवरी को इस मामले में एनआईए के पूर्व एसपी अरविंद दिग्विजय नेगी को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें नए तथ्य मिले हैं, जिनकी जांच जरूरी है।
कोर्ट ने 25 फरवरी को अरविंद दिग्विजय नेगी, खुर्रम परवेज, मुनीर अहमद चौधरी और अरदिश अहमद को एक महीने की न्यायिक हिरासत में भेजा था। खुर्रम परवेज को 22 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था। मुनीर अहमद को 16 नवंबर, 2021 जबकि अरदिश अहमद को 18 नवंबर, 2021 को गिऱफ्तार किया गया था।
एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा ने भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना को कामयाब बनाने के लिए गुर्गों का एक नेटवर्क स्थापित किया था। आरोपित भारत में रिक्रूटमेंट का एक नेटवर्क चला रहे थे। ये अपने विदेशी आकाओं के संपर्क में थे और उनके निर्देश पर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सुरक्षा बलों के साथ-साथ आतंकी हमलों के लिए टारगेट की पहचान कर खुफिया जानकारी जुटा रहे थे।
एनआईए के मुताबिक जांच के दौरान दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार , जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई और आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई थी। तब पता चला कि विभिन्न लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते बनाए जा रहे थे।