P Chidambaram : एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को मिली नियमित जमानत

नई दिल्ली, 23 मार्च (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले पर सीबीआई और ईडी की ओर से दाखिल केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को नियमित जमानत दे दी है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने दोनों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत दी है।

दोनों इस मामले में अग्रिम जमानत पर चल रहे थे। 20 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने दोनों को इस मामले में नियमित जमानत याचिका दायर करने का निर्देश दिया था। 27 नवंबर को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम समेत सभी आरोपितों को समन जारी किया था। ईडी की ओर से दाखिल केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम आरोपित हैं।

इनके अलावा मेसर्स पद्मा भास्कर रमन, मेसर्स एडवांटेजेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड को भी आरोपित किया गया है। सीबीआई की ओर से दाखिल केस में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा अशोक कुमार झा, कुमार संजय कृष्णा, दीपक कुमार सिंह, राम शरण, ए पलनिअप्पन, मेसर्स ऐस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मेसर्स मैक्सिस मोबाइल एसडीएन बीएचडी, मेसर्स भूमि अरमादा बेरहाद, भूमि अरमादा नेविगेशन एसडीएन बीएचडी, टी आनंद कृष्णन, अगस्तस राल्फ मार्शल, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड, एस भास्करन और वी श्रीनिवासन शामिल हैं।

इस मामले की सुनवाई करनेवाले तत्कालीन जज ओपी सैनी ने 5 सितंबर 2019 को एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी। उसके बाद 6 सितंबर 2019 को जज ओपी सैनी ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दी थी। दरअसल 6 सितंबर 2019 को ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था, लेकिन ईडी और सीबीआई दोनों ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर 2019 के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं। जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा। जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा।

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