नई दिल्ली, 23 मार्च (हि.स.)। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बुधवार को दिल्ली ने साइबर अपराधों की जांच और बेहतर बनाने के लिए और ऐसे मामलों की रोकथाम के उद्देश्य से बुधवार को राजधानी के मॉडल टाउन थाना परिसर में एक साइबर पुलिस थाना का उद्घाटन किया।
कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली के हर जिले के साइबर थाना खोलने का उद्देश्य साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों और मामलों की तत्परता से जांच करना, त्वरित प्रतिक्रिया करना और प्रोफेशनल तरीके से इसका निपटारा कर ऐसे अपराधों की गुणवत्ता जांच सुनिश्चित करना है। इस दौरान साइबर अपराध को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए शो भी आयोजित किए गए और 13 छात्रों को सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि जिले के अधिकार क्षेत्र में होने वाले सभी साइबर अपराधों की सूचना साइबर पुलिस स्टेशन में दी जाएगी। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट देश में सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित साइबर लैब में से एक है और जिला साइबर पुलिस स्टेशन इस केंद्रीकृत विशेष इकाई के तालमेल और समन्वय में काम करेंगे। इन थानों के एसएचओ का साक्षात्कार लिया गया है़ और उनकी योग्यता और रुचि के आधार पर चयन किया गया है।
10,000 से अधिक कर्मी हुए प्रशिक्षित
उन्होंने कहा कि साइबर अपराध होते ही तत्काल मामले की रिपोर्ट करने से रकम दूसरे अकाउंट में जाने से रोकी जा सकती है। उन्होंने ‘गोल्डन ऑवर’ के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अधिकतम वसूली के लिए वर्चुअल स्पेस में किए गए अपराध के लिए शुरुआती रिपोर्टिंग बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, खुद को अपग्रेड करने की तत्काल आवश्यकता है़, क्योंकि बहुत जल्द साइबर अपराध सभी अपराधों का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा बन जाएगा।
चूंकि तकनीक तेजी से बदल रही है, इसलिए पुलिस को अपराधियों को रोकने के लिए एक कदम आगे बढ़ना होगा। इस प्रकार, साइबर अपराध के मामलों को संभालने के लिए 10,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। असामाजिक तत्वों द्वारा अपनाई गई नई तकनीकों का मुकाबला करने के लिए दिल्ली पुलिस सबसे अच्छी तरह सुसज्जित है।
पूरी तकनीकी व्यवस्था से लैस है थाना
साइबर थाना परिसर को तकनीक से पूरी तरह से लैस किया गया है। साइबर थाना के इस नवनिर्मित परिसर में हाई स्पीड इंटरनेट और डेटा कनेक्टिविटी से लैस जांच अधिकारियों के लिए आधुनिक वर्क-स्टेशन, नवीनतम कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब, आगंतुक कक्ष, सीसीटीएनएस कक्ष, आईओ के कमरे जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा बैरक, मलखाना रूम, रिकॉर्ड रूम आदि भी है।
लघु फिल्म और शो का भी आयोजन
साइबर अपराध जागरूकता पर सामाजिक संदेश के साथ एक लघु फिल्म और “ओटीपी धोखाधड़ी” पर एक जानकारी बढ़ाने वाला शो भी आयोजित किया गया, ताकि साइबर अपराध के हालिया रुझानों और इस तरह के अपराधों के शिकार होने से खुद को कैसे बचाया जा सके, इस पर उपस्थित लोगों को जागरूक किया जा सके।
इस दौरान “इंटरनेट एक दोधारी तलवार है” विषय पर उत्तर-पश्चिम जिले द्वारा आयोजित एक अंतर-विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता में उनके प्रदर्शन के लिए विभिन्न स्कूलों के 13 छात्रों को सम्मानित किया। छात्रों को नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह दिए गए।