नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। केजरीवाल सरकार झुग्गियों में रह रहे हजारों परिवारों को जहां उनकी झुग्गी है, वहीं पक्का मकान बनाकर देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया, शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड समेत संबधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से झुग्गियों में रह रहे करीब 78 हजार परिवारों को पक्के मकानों में शिफ्ट करेगी। पहले चरण में करीब 16 हजार परिवारों को शिफ्ट किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चल रहे मौजूदा प्रोजेक्ट्स को हर हाल में तीन साल के अंदर पूरा करने के सख्त निर्देश निर्देश दिए, ताकि झुग्गियों में जीवन यापन करने को मजबूर परिवारों को जल्द से जल्द पक्के मकान में शिफ्ट कर उन्हें एक सम्मान जनक जिंदगी दी जा सके। उन्होंने फ्लैट निर्माण के साथ बिजली-पानी समेत अन्य सुविधाओं को भी समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार, पहले फेज में लगभग 16 हजार परिवारों को पक्के मकान में शिफ्ट किया जाएगा और यह लक्ष्य 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। डूसिब ने करीब 15,962 फ्लैट बनाकर तैयार कर लिया है। इन फ्लैट्स में परिवारों को शिफ्ट करने का कार्य इसी साल शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, डूसिब के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिन पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने चल रहे मौजूदा प्रोजेक्ट्स को तीन साल के अंदर हर हाल में पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।
परिवारों को मिलेगी सम्मान जनक जिंदगी
दिल्ली में हजारों परिवार झुग्गियों में वर्षों से रह रहे हैं। इन परिवारों ने अपने जीवन यापन के लिए अपने निवास स्थान के आसपास ही रोजगार का भी बंदोबस्त कर रखा है। कुछ परिवार आसपास की फैक्ट्रियों समेत अन्य स्थानों पर नौकरी करते हैं, तो कुछ परिवार रेहड़ी-पटरी आदि लगाकर आपने जीवन यापन कर रहे हैं। इनके बच्चे पास के स्कूलों में ही पढ़ते हैं। साथ ही उनकी रोजमर्रा की बुनियादी जरूरतें भी आसपास ही उपलब्ध हैं। इसके अलावा, वे वहां पर आपस में काफी घुले-मिले हैं और एक परिवार की तरह सूख-दुख में साथ रहते हैं।
केजरीवाल सरकार का मानना है कि अगर इन परिवारों को झुग्गियों से हटाकर दूर बने पक्के मकान में शिफ्ट किया जाता है, तो फिर इनका रोजगार अव्यवस्थित हो जाएगा और इनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।
बच्चों को भी मौजूद स्कूलों से नाम कटवाकर शिफ्टिंग वाले जगह पर एडमिशन लेना पड़ेगा। इन परिवारों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए परेशान होना पड़ेगा। इसलिए सरकार चाहती है कि सभी परिवारों को जहां उनकी झुग्गी है, वहीं पर पक्के मकान बना कर दिए जाएं, जिससे कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित न हो और सभी लोग एक सम्मान जनक जीवन यापन कर सकें।