CPIM Election : छेड़छाड़ के मामले में आरोपित को माकपा ने बनाया राज्यसभा उम्मीदवार

नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। केरल में 31 मार्च के द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव में माकपा द्वारा मैदान में उतारे गये उम्मीदवार एए रहीम एक महिला से छेड़छाड़ के मामले के मुख्य आरोपित हैं। उनकी उम्मीदवारी के बाद पार्टी एक बड़े विवाद में फंस गई है।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा के दूसरे पति मोहम्मद रियाज के करीबी सहयोगी रहीम को रियाज के नेतृत्व वाले इस्लामी कट्टरपंथियों के दबाव के बाद विजयन ने राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।

केरल विश्वविद्यालय की प्रोफेसर टी विजयलक्ष्मी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। उनका आरोप था कि उन्हें रहीम और उनके गिरोह ने तीन घंटे से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा, गाली-गलौज की और छेड़छाड़ की। उनका कहना था कि रहीम और उसका गिरोह चाहता था कि वह यूथ फेस्टिवल खर्च के बहाने यूनिवर्सिटी फंड से 7 लाख रुपये जारी करें। प्रो. विजयलक्ष्मी ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें इसमें कुछ गड़बड़ लग रही थी। चूंकि यह नियम विरुद्ध था और अगर उसने आदेश पर हस्ताक्षर किए होते, तो वह मुश्किल में पड़ जाती।

प्रो. विजयलक्ष्मी ने मीडियाकर्मियों को बताया, “तीन घंटे से अधिक समय तक, उन्होंने मेरे केबिन में मेरा घेराव किया, मेरे साथ मारपीट की और गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हुए मेरे साथ गाली-गलौज की। हालांकि मैंने पुलिस स्टेशन में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और मुझे मजबूरन मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और तत्कालीन राज्यपाल पी सदाशिवम से मिलना पड़ा। राज्यपाल ने पुलिस विभाग को मामला दर्ज करने के लिए कहा। पुलिस ने मामला दर्ज किया लेकिन गंभीर धारायें नहीं लगाईं। राजधानी में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामला चल रहा है।”

जब प्रोफेसर ने अखबारों में पढ़ा कि उनके साथ छेड़छाड़ और गंदी भाषा का इस्तेमाल करने वाले रहीम को राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया तो वह चौंक गईं। प्रोफेसर विजयलक्ष्मी ने कहा, “अगर रहीम जैसे लोग लोकतंत्र के मंदिर में बैठने जा रहे हैं, तो मैं इस सोच से हैरान हूं कि मेरे देश का क्या होगा।” उन्होंने मीडिया से यह लिखने के लिए कहा कि रहीम किस तरह के व्यक्ति हैं और राज्य से उच्च सदन में भेजे जा रहे व्यक्तियों की गुणवत्ता के बारे में अन्य राज्यसभा सदस्यों को सचेत किया जाए।

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