जनरल रावत उत्कृष्ट पेशेवर और भारतीय सेना में हुए बड़े बदलावों के प्रतीक हैं
– उन्होंने विभिन्न थिंक टैंक की गतिविधियों में काफी समय और ऊर्जा का निवेश किया
नई दिल्ली, 15 मार्च (हि.स.)। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) दिवंगत जनरल बिपिन रावत की 65वीं जयंती की पूर्व संध्या पर भारतीय सेना के थिंक टैंक यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) ने उनकी स्मृति में चेयर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है। इसकी औपचारिक घोषणा मंगलवार को साउथ ब्लॉक में आयोजित एक समारोह में थल सेनाध्यक्ष और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के कार्यवाहक अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने की।
इस अवसर पर सेना प्रमुख ने कहा कि जनरल रावत रणनीतिक विचारों के प्रति उत्साही थे और उन्होंने विभिन्न थिंक टैंक की गतिविधियों में काफी समय और ऊर्जा का निवेश किया। उनकी 65वीं जयंती ने बौद्धिक संस्थानों के साथ सेनाओं के बंधन को मजबूत करने का एक उपयुक्त क्षण प्रदान किया। जनरल बिपिन रावत ने भारत के पहले सीडीएस के साथ-साथ भारतीय सेना के 27वें प्रमुख के रूप में कार्य किया। वह एक उत्कृष्ट पेशेवर और भारतीय सेना में हुए बड़े बदलावों के प्रतीक हैं। जनरल बिपिन रावत मेमोरियल चेयर ऑफ एक्सीलेंस संयुक्तता और एकीकरण के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा। चेयर ऑफ एक्सीलेंस जनरल के चतुर नेतृत्व और व्यावसायिकता के लिए एक उचित श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह, नौसेना के उप प्रमुख एडमिरल एसएन घोरमडे, चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल बीआर कृष्णा से लेकर चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के अध्यक्ष और लेफ्टिनेंट जनरल एसके शर्मा, डीसीओएएस (स्ट्रैट) भी शामिल हुए। यूएसआई के निदेशक मेजर जनरल बीके शर्मा (सेवानिवृत्त) को 5 लाख रुपये का चेक सौंपा गया, जो नामित चेयर ऑफ एक्सीलेंस को मानदेय के रूप में दिया जाएगा।