कृषि में निरंतर प्रगति कर रहा है भारत : तोमर

नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है । तोमर ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से 36वें एशिया-प्रशांत एफएओ (खाद्य एवं कृषि संगठन) के क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अनुसंधान व विकास प्रणालियों में से एक है। जो सर्वोत्तम पद्धतियों को अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है।

तोमर ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र टिड्डियों-फॉल आर्मी वर्म जैसे सीमापार कीटों से प्रभावित हुआ तब उचित समय पर भारत ने वृहद नियंत्रण अभियान चलाया और अन्य प्रभावित देशों की सहायता भी की। टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन का भी सफलतापूर्वक उपयोग किया।

तोमर ने कहा कि भूखमरी समाप्त करने वाला एसडीजी लक्ष्य पूरा करने के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग, मजबूत कृषि मूल्य श्रृंखला विकास के माध्यम से उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों के आदान-प्रदान और एक साथ काम करने के भारत के संकल्प की पुष्टि की। जिससे किसानों को अत्यधिक लाभ होगा ।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में विभिन्न व्यवधानों के बावजूद भारत में कृषि क्षेत्र ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विभिन्न फसलों की खरीद के बेहतर तंत्र के माध्यम से किसानों को प्रत्यक्ष बाजार सहायता प्रदान करते हुए हमारे सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेपों के कारण कृषि क्षेत्र का सकारात्मक प्रदर्शन संभव हो पाया है।

तोमर ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा खरीदा खाद्यान्न करीब अस्सी करोड़ लोगों को मुफ्त में दिया किया गया। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महामारी के दौर में भी कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि भारत कृषि क्षेत्र को सतत व लचीला बनाकर किसानों के जीवन और आजीविका में सुधार लाने का प्रयास कर रहा हैं। जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर के अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि सम्मेलन में बांग्लादेश के कृषि मंत्री एवं 36वें एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सम्मेलन मंत्रिस्तरीय सत्र के अध्यक्ष डॉ. मुहम्मद अब्दुर रज्जाक, एफएओ के महानिदेशक व एफएओ परिषद के अध्यक्ष क्यू डोंग्यू, अन्य एशियाई व प्रशांत देशों के मंत्रीगण और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हुए।

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