भारत-जापान मैत्री के पुराने संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रहा अभ्यास
– जापानी सैनिकों ने प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर अपने अनुभव साझा किए
नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। भारतीय और जापानी सेना के बीच 12 दिन तक चले वार्षिक सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच तालमेल स्थापित किया। विदेशी प्रशिक्षण नोड, बेलगाम (कर्नाटक) में जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के सैनिकों ने इस अवसर का उपयोग ड्रोन और ड्रोन विरोधी हथियारों जैसी बेहद जरूरी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर अपने अनुभवों को साझा करने के लिए भी किया।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार इस अभ्यास में क्रॉस ट्रेनिंग और फील्ड परिस्थितियों में मुकाबला कंडीशनिंग से लेकर खेल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक एक विशाल स्पेक्ट्रम शामिल था। भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच गहन संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण विदेशी प्रशिक्षण नोड, कर्नाटक के बेलगाम में 27 फरवरी को शुरू हुआ था। इन 12 दिनों में दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच तालमेल स्थापित करने वाला यह अभ्यास भारत-जापान मैत्री के पुराने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में केंद्रित रहा। इस अभ्यास ने पेशेवर और सांस्कृतिक तौर पर मिली कई सीखों के साथ-साथ सामाजिक रिश्तों के लिए भी मंच प्रदान किया। इसका लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग की दिशा में अपने क्षितिज को व्यापक बनाना भी था।
फायरिंग रेंज में और विभिन्न सामरिक अभ्यासों के दौरान दोनों सेनाओं ने विभिन्न प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। दोनों टुकड़ियों ने न केवल आतंकवाद विरोधी अभियानों के समकालीन विषयों पर अपनी विशेषज्ञता साझा की, बल्कि इस अवसर का उपयोग ड्रोन और ड्रोन विरोधी हथियारों जैसी बेहद जरूरी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर अपने अनुभवों को साझा करने के लिए भी किया। भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के बीच अभ्यास ‘धर्म गार्जियन-2022’ रक्षा सहयोग का स्तर बढ़ाएगा। साथ ही भविष्य में ऐसे कई संयुक्त कार्यक्रमों के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा ताकि दोनों देशों की सेनाओं के संबंधों को और मजबूत किया जा सके।