बादल, अमरिंदर, चन्नी, सिद्धू समेत तमाम बड़े नेता हारे
चंडीगढ़, 10 मार्च (हि.स.)। पंजाब में गुरुवार को घोषित हुए चुनाव परिणाम में प्रदेश की राजनीति के कई दिग्गज घर बैठने को मजबूर हो गए हैं। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की तरह नए चेहरों पर दांव लगाया और जनता ने उन्हें हाथों-हाथ उठा लिया।
पंजाब की राजनीति में बाबा बोहड़ के नाम से प्रसिद्ध पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल 11 हजार 396 वोट के अंतर से चुनाव हार गए हैं। बादल को आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह ने हराया है।
पंजाब में दो बार मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह भी इस बार चुनाव हार गए हैं। पटियाला शहरी उनका गृह क्षेत्र है। अमरिंदर सिंह को आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह ने करीब 20 हजार वोटों से हराया है।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब तथा भदौड़ हलके से चुनाव लड़े थे। चन्नी दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं और दोनों ही सीटों पर आम आदमी पार्टी ने उन्हें हराया है।
पंजाब की सबसे हॉट सीट रही अमृतसर पूर्वी से अकाली दल व कांग्रेस के दोनों दिग्गज चुनाव हार गए हैं। पंजाब में कांग्रेस ने अपने कई पुराने दावेदारों को दरकिनार करके मानसा विधानसभा क्षेत्र से सिद्धू मूसेवाला को टिकट दिया था। सिद्धू मूसेवाला ने गायिकी के क्षेत्र में तो नाम कमाया लेकिन राजनीति में लोगों ने उन्हें एंट्री नहीं दी।
कोरोनाकाल में जरूरतमंदों को सहायता देने से चर्चा में आए फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहन भी चुनाव हार गई है। मोगा विधानसभा हलके में कांग्रेस ने सोनू सूद की बहन मालविका सूद पर दांव खेला। पूरा चुनाव प्रचार अभियान सोनू सूद ने संभाला हुआ था लेकिन इसके बावजूद उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है।
पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद चन्नी सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने पर राणा सोढी ने सबसे पहले भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने उन्हें नए विधानसभा हलका फिरोजपुर कैंट से चुनाव मैदान में उतारा था, वह भी चुनाव हार गए हैं।
अकाली दल के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एवं पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल अपने पारंपरिक हलके जलालाबाद में ही घिर गए। सुखबीर बादल ने लोकसभा सांसद होने के बावजूद जलालाबाद से विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए। पंजाब के चर्चित चेहरों में से एक पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भी इस चुनाव में हार गई हैं।