लंदन, 09 मार्च (हि.स.)। रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाउस ऑफ कॉमन्स के संबोधन में ब्रितानी सांसदों का दिल जीत लिया। जेलेंस्की ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के निचले सदन में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की पंक्तियां उद्धृत करते हुए कहा- ‘हम हार नहीं मानेंगे और हारेंगे भी नहीं। हम आखिरी दम तक लड़ेंगे, समुद्र में, हवा में …। हम अपनी जमीन के लिए लड़ते रहेंगे। कीमत कुछ भी हो…। हम जंगलों में, खेतों में, तटों पर और सड़कों पर लड़ेंगे…।’
विंस्टन चर्चिल ने निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में यह भाषण उस वक्त दिया था जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1940 में ब्रिटिश सेना को नाजी जर्मन हमले के कारण फ्रांस से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था। चर्चिल के इस प्रभावी भाषण के बाद जो कुछ हुआ वह एक इतिहास है। अब जेलेंस्की ने मंगलवार को चर्चिल के भाषण की इन पंक्तियों को दोहराते हुए कहा वह आखिरी दम तक लड़ेंगे। हार नहीं मानेंगे। उनके भाषण के बाद पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उनके अभिवादन में मौजूद ब्रिटिश संसद खड़े हो गए।
उन्होंने कहा, ‘हम पश्चिमी देशों की सहायता के लिए आपकी मदद चाहते हैं। हम इस मदद के लिए आभारी हैं और बोरिस, मैं आपका आभारी हूं।’ जेलेंस्की ने कहा, ‘कृपया इस देश (रूस) के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाएं और उसे आतंकवादी घोषित करें। यह सुनिश्चित करें कि यूक्रेन का आसमान सुरक्षित रहे।’ जेलेंस्की ने प्रख्यात ब्रितानी लेकख विलियम शेक्सपियर की कुछ प्रभावी पंक्तियों को दोहराया। उन्होंने कहा-‘हमारे (यूक्रेन) लिए सवाल यह है कि होना या न होना…। तो मैं आपको एक निश्चित उत्तर दे सकता हूं- यह हां, होना है।’