नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। ऑस्ट्रेलियाई सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रिक बूर बुधवार को भारत की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। उन्होंने आज भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से साउथ ब्लॉक में मुलाकात की। सेना प्रमुखों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा मंत्रालय पहुंचने पर जनरल रिक बूर को साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
ऑस्ट्रेलियाई सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रिक बूर ने नई दिल्ली पहुंचने पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया। उन्हें रक्षा मंत्रालय पहुंचने पर साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे ऑस्ट्रेलियाई जनरल ऑफिसर ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से साउथ ब्लॉक में मुलाकात की। जनरल नरवणे ने ऑस्ट्रेलियाई सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रिक बूर का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों सेना प्रमुखों ने बैठक करके दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों देश व्यापक रणनीतिक साझेदारी के साथ संयुक्त रूप से काम करने के लिए सहमत हुए हैं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने पिछले दो साल में अपने संबंध व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाए हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान रसद समर्थन के लिए सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट (एमएलएसए) दोनों देशों की सेनाओं को समग्र रक्षा सहयोग को बढ़ाने के अलावा आपूर्ति की मरम्मत और पुनः आपूर्ति के लिए एक दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देता है। इससे मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित सैन्य साझेदारी का विस्तार होगा।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 10 सितम्बर, 2021 को नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने क्षेत्रीय मुद्दों के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, सेनाओं के बीच सहयोग मजबूत करने और जानकारियों के आदान-प्रदान को बढ़ाने, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकी में सहयोग और परस्पर लॉजिस्टिक्स समर्थन पर चर्चा की थी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को रक्षा उद्योग में निवेश करने का न्योता भी दिया था, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को आगे बढ़ाया जा सके।