नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव और असम की माजुली विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतगणना होगी। चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतदान प्रक्रिया सुबह 8 बजे शुरू होगी और 10 बजे से शुरुआती रूझान आने क अनुमान है। दोपहर तक नतीजों को लेकर स्पष्ट स्थिति उभर सकती है। पहले मतपत्रों की गिनती होगी और बाद में ईवीएम से गिनती की जाएगी।
चुनाव आयोग ने दिल्ली में इस संबंध में संवाददाता सम्मेलन किया। इसमें गुरुवार के लिए की गई तैयारियों की जानकारी दी। आयोग के अनुसार पांच राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर मतगणना होगी।
मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए कुल मिलाकर 671 मतगणना पर्यवेक्षक, 130 पुलिस पर्यवेक्षक और 10 विशेष पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। आयोग ने मतगणना व्यवस्था की निगरानी के लिए दो विशेष अधिकारियों- सीईओ दिल्ली को मेरठ और सीईओ बिहार को वाराणसी में भी प्रतिनियुक्त किया है।
आयोग के अनुसार सभी मतगणना केंद्रों पर व्यापक और पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सभी स्ट्रांग रूम, जहां ईवीएम रखी गई हैं, केंद्रीय सशस्त्र बलों द्वारा संचालित आंतरिक घेरा के साथ तीन-स्तरीय सुरक्षा के तहत हैं। संबंधित अभ्यर्थी 24 घंटे सीसीटीवी के जरिए स्ट्रांग रूम की व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं।
मतदान वाले राज्यों में, जिला प्रशासन ने मतगणना हॉल के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शांति भंग न हो। चुनाव के दौरान ईवीएम की तैनाती से संबंधित प्रत्येक चरण में राजनीतिक दल व उम्मीदवार शामिल रहेंगे।
मतदान प्रक्रिया के 7 मार्च को पूरा होने के बाद आए एग्जिट पोल के मुताबिक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी वापसी कर सकती है। गोवा को लेकर स्थिति नतीजों से ही स्पष्ट हो पाएगी। पंजाब में बदलाव की संभावना है और एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलता दिखा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में 403 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 202 सीटें चाहिए। 2017 के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर 312 सीटें मिली थीं। सहयोगियों के साथ भाजपा गठबंधन का आंकड़ा 325 तक पहुंच गया था। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी गठबंधन था जिसे 54 सीटें और तीसरे नंबर पर बसपा गठबंधन जिसे 19 सीटें मिली थी। अन्यों के खातों में पांच सीटें गई थीं।
पंजाब में 117 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 59 सीटें चाहिए। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें, आम आदमी पार्टी को 20 सीटें, शिरोमणि अकाली दल को 15 और भाजपा को तीन विधानसभा सीटें मिली थी। वहीं लोक इंसाफ पार्टी को दो सीटें मिली थीं।
उत्तराखंड में 70 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटें बहुमत के लिए चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में यहां 57 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी और उसे 11 सीटें मिली थीं। अन्यों के खातों में 2 सीटें गई थी।
गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 21 सीटें चाहिए। गोवा में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। 2017 में कांग्रेस को 17 और भाजपा को 13 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। अन्य को 10 सीटें मिली थीं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) को 3 सीटों पर जीत मिली थी। आम आदमी पार्टी यहां खाता खोलने में नाकाम रही थी।
मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए। 2017 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 28 सीटें मिली थी। 21 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। हालांकि भाजपा ने एनपीपी और एनपीएफ के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जिन्हें चार-चार सीटें मिली थीं। यहां टीएमसी, लोजपा और निर्दलीय को एक-एक सीट मिली थी।