मुंबई, 09 मार्च (हि.स.)। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार तथा राज्यपाल के बीच चल रहे संघर्ष से राज्य की जनता का नुकसान हो रहा है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर दाखिल की गई याचिका ठुकरा दिया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस मामले की सुनवाई के लिए जमा किये गए 12 लाख रुपये जब्त करने का भी आदेश जारी किया है।
महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव गोपनीय पद्धति से न करवाए जाने का निर्णय महाविकास आघाड़ी सरकार ने लिया है। इसी वजह से पूर्व मंत्री गिरीश महाजन व जनक व्यास ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया था। इस याचिका को तथ्यहीन बताया था और इस याचिका की सुनवाई के लिए दोनों याचिकाकर्ताओं को 12 लाख रुपये जमानत रकम भरने का आदेश दिया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से 12 लाख रुपये जमानत भरने के बाद बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार तथा याचिकाकर्ताओं की जिरह सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि इस याचिका में कोई दम नहीं है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने विधान परिषद के 12 सदस्यों की नियुक्ति के संदर्भ में विवेक के आधार पर निर्णय करनेके लिए कहा था, लेकिन अभी तक 12 सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है। सरकार व राज्यपाल के बीच लगता है संबंध ठीक नहीं है जिससे राज्य की जनता का ही नुकसान हो रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए यह याचिका ठुकराई जा रही है। याचिकाकर्ताओं की जमानत रकम भी जब्त करने का आदेश कोर्ट ने दिया है।