नई दिल्ली, 8 मार्च (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने वर्ष 1962 में चीन युद्ध के एक सैन्यकर्मी की कैंटीन की सुविधाएं खत्म करने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
मंगलवार को जस्टिस वी कामेश्वर राव ने चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 मई को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ये अजीब बात है कि कोई व्यक्ति दस सालों से कैंटीन की सुविधा का लाभ उठा रहा था और आपकी नीति बदलने की वजह से वह इस सुविधा से बाहर हो गया। यह याचिका रायपुर के निवासी गया प्रसाद मिश्रा ने दायर की है। वे वर्ष 1961 में एक सिपाही के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और 1962 के युद्ध के समय 29 नवंबर, 1962 और 20 जुलाई, 1963 के दौरान युद्धग्रस्त इलाके में तैनात रहे थे। तबियत खराब होने की वजह से उन्होंने 1965 में सेना से सेवानिवृत्ति ले ली थी। उनकी उम्र 81 वर्ष है।
याचिकाकर्ता के वकील ममता शर्मा ने कोर्ट को बताया कि वे पिछले दस सालों से सेना की कैंटीन के कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें 2010 में कैंटीन का कार्ड जारी किया गया था। यह कार्ड 2021 में एक्सपायर हो गया और अब उनकी नवीनीकरण नहीं हो रहा है। इस कार्ड के नवीनीकरण के लिए याचिकाकर्ता ने 8 अप्रैल, 2021 को आवेदन दिया था लेकिन उनका आवेदन 16 अप्रैल, 2021 को खारिज कर दिया गया। उसके बाद उन्होंने अगस्त और सितंबर 2021 में भी आवेदन दिया था लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया।