मुंबई, 08 मार्च (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के चार वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध मंगलवार को मुंबई पुलिस ने रंगदारी का मामला दर्ज किया है। यह जानकारी शिवसेना प्रवक्ता तथा राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने मंगलवार को यहां दी। उन्होंने बताया कि यह शिकायत अरविंद जगन्नाथ भोसले ने दर्ज करवाई है। इस मामले की छानबीन मुंबई पुलिस कर रही है और जल्द कार्रवाई की जाएगी।
संजय राऊत ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में ईडी के कामकाज से संबंधित 13 पन्ने का पत्र दिया था। इस पत्र पर कार्रवाई न होने पर आज वे उस पत्र को सार्वजनिक कर रहे हैं। संजय राऊत ने कहा कि ईडी की मुंबई तथा दिल्ली का कामकाज देखने वाले वरिष्ठ अधिकारी जीतेंद्र चंद्रलाल नवलानी का पैन कार्ड, बैंक डिटेल आदि पीएमओ में भेजा गया है। इसे देखने के बाद पता चलता है कि जीतेंद्र चंद्रलाल नवलानी ने कई फर्जी कंपनियों का गठन किया है और उन्हीं कंपनियों के अकाउंट में जांच के नाम पर आई कंपनियों, बिल्डरों आदि से करोड़ों रुपये साइफन किए गए हैं। इन सभी को पहले जांच के लिए बुलाया गया और बाद में जांच रोकने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले गए हैं। इस सिंडिकेट ने दीवान कंपनी से 25 करोड़ रुपये, वाधवान बंधुओं के बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये, अविनाश भोसले के बैंक खाते से 10 करोड़ रुपये, युनाइटेड कंपनी के खाते से 16 करोड़ रुपये, सिक्युर्ड नामक कंपनी से 15 करोड़ रुपये जीतेंद्र चंद्रकांत नवलानी की फर्जी कंपनियों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।
संजय राऊत ने आरोप लगाया कि जीतेंद्र नवलानी अपने तीन अधिकारियों तथा महाराष्ट्र भाजपा के कुछ नेताओं के साथ रंगदारी वसूलने का सिंडिकेट चला रहे हैं। इस पैसे से विदेशों में संपत्ति खरीदी जा रही है। संजय राऊत ने आरोप लगाया कि किरीट सोमैया ने पीएमसी घोटाले के आरोपित से भी धनदोहन किया है। किरीट ने 5 करोड़ रुपये की धननिकासी इसी तरह फर्जी कंपनी के बैंक खाते से की है। इसका सबूत भी संजय राऊत ने आज सार्वजनिक किया है। संजय राऊत ने सवालिया लहजे में कहा कि पिछले चार साल में बुलंदशहर के दूधवाले सुनील कुमार नरवल के पास किस भाजपा नेता का काला पैसा है, जिससे वह अब 8 हजार करोड़ रुपये के मालिक हो गये। चार साल पहले उनके पास झोपड़ा नहीं था और अब मालाबार हिल इलाके में आलीशान घर है। ईडी को यह सब क्यों नहीं दिख रहा है।
संजय राऊत ने कहा कि भाजपा ने मुंबई में जांच एजेंसियों को महाविकास आघाड़ी सरकार के नेताओं को डराने के लिए लगाया है। महाराष्ट्र में इस समय 14 नेताओं के पीछे केंद्रीय जांच एजेंसियां हाथ धोकर पड़ी हैं। इससे राज्य की सरकार किसी भी कीमत पर गिरने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से उनकी शिकायत पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने इस पत्र काे सार्वजनिक कर दिया और इस पत्र के आधार पर मुंबई पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। इस पत्र पर अब मुंबई पुलिस जांच कर रही है ।