आवश्यकता आविष्कार की जननी है: 1949 में बनी फिल्म ‘पतंगा’ का शमशाद बेगम की आवाज में गाया गाना भारतीय दर्शकों के लिए आजतक जाना-सुना लगता है- ‘मेरे पिया गए रंगून, वहां से किया है टेलीफून।’
यह फिल्मी गीत चमत्कार जैसा कारनामा करने वाले टेलीफोन से भारतीय जनमानस का एक तरह से पहला सार्वजनिक परिचय भी था।
हालांकि इससे तकरीबन 73-74 साल पहले टेलीफोन का आविष्कार हो चुका था। स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में पैदा हुए ग्राहम बेल ने 2 जून 1875 को टेलीफोन का आविष्कार किया और 7 मार्च 1876 को टेलीफोन का पेटेंट हासिल किया।
बताते हैं कि ग्राहम की मां को सुनने की समस्या थी इसलिए विज्ञान में मेधावी ग्राहम बेल ध्वनि विज्ञान की मदद से सुनने में अक्षम लोगों के लिए ऐसा यंत्र बनाना चाहते थे जो उनकी समस्या सुलझा सके। ऐसा यंत्र बनाने में ग्राहम बेल आखिरकार सफल हुए। कमाल की बात यह है कि इसी कोशिश के दौरान उन्होंने टेलीफोन का आविष्कार भी कर दिया।
ऐसा बताते हैं कि उन्होंने शुरुआत में दो टेलीफोन सेट बनाए। एक अपने पास और दूसरा अपनी गर्लफ्रैंड मारग्रेट हेलो के पास रखा। जब इसका प्रयोग किया गया तो ग्राहम बेल ने दूसरे सिरे पर फोन उठाने वाली अपनी गर्लफ्रैंड का नाम ही लिया- हेलो। तब से टेलीफोन संवाद का पहला शब्द हेलो के रूप में प्रचलित हुआ।
हालांकि कई लोग इसे गढ़ी हुई कहानी बताते हुए हेलो के प्रचलन के बारे में अलग दावा करते हैं। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक हेलो शब्द पुराने जर्मन शब्द- हाला, होला से बना है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर नाविक करते थे। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- कैसे हो/ क्या तुम वहां हो/ क्या तुम सुन पा रहे हो।
इस महान आविष्कारक ने टेलीफोन के साथ फोटोफोन, मेटल डिटेक्टर जैसे दूसरे आविष्कार भी किए। आज ऑप्टिकल फाइबर केबिल ग्राहम बेल के सिद्धांत पर ही काम करता है।
अन्य अहम घटनाएं:
1854: चार्ल्स मिलर ने सिलाई मशीन के लिए पेटेंट हासिल किया।
1911: सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय का जन्म।
1934: जाने-माने क्रिकेट खिलाड़ी नरी कॉन्ट्रैक्टर का जन्म।
1949: वरिष्ठ राजनीतिज्ञ गुलाम नबी आजाद का जन्म।
1952: भारतीय गुरु परमहंस योगानंद जी का निधन।
1952: महान क्रिकेट खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स का जन्म।
1955: दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर का जन्म।
1961: सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और उप्र के प्रथम मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत का निधन।