सरकार ने शुक्रवार को दिन में की थी डिफेन्स एक्सपो-2022 स्थगित करने की घोषणा
– फिलहाल दोनों कार्यक्रमों के लिए नई तारीखों के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया
नई दिल्ली, 05 मार्च (हि.स.)। यूक्रेन संकट का सीधे तौर पर तो भारत पर असर नहीं पड़ा है लेकिन रूस से युद्ध चलने की वजह से भारतीय सैन्य कार्यक्रम लगातार स्थगित करने पड़ रहे हैं। यूक्रेन-रूस वार के बीच भारतीय वायुसेना ने 7 मार्च को पोकरण रेंज में होने वाले अभ्यास ‘वायु शक्ति’ को देर रात स्थगित कर दिया है। इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को दिन में 10-14 मार्च तक गुजरात के गांधीनगर में होने वाले डिफेंस एक्सपो-2022 को भी फिलहाल स्थगित कर दिया था। इसी वजह से लंदन के वैडिंगटन में होने वाले बहुराष्ट्रीय ‘कोबरा योद्धा अभ्यास’ में भारत ने अपने विमानों को न भेजने का फैसला लिया है।
रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारतीय वायु सेना ने 07 मार्च को जैसलमेर के पोकरण रेंज में ‘वायु शक्ति अभ्यास’ के दौरान अपनी ताकत का प्रदर्शन करने का कार्यक्रम निर्धारित किया था। हर तीन साल में होने वाले इस अभ्यास में कुल 148 एयरक्राफ्ट को शामिल होना था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुने गए लक्ष्यों पर फाइटर जेट से 500 से लेकर 1000 किलो तक के बम गिराकर वायु सेना को अपनी सटीकता का प्रदर्शन करना था। पहली बार फाइटर जेट राफेल के सुपरसोनिक स्पीड में उड़ान भरकर एयर टू एयर मिसाइल से फायरिंग करने की योजना बनाई गई थी।
वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह ने ‘वायु शक्ति’ अभ्यास की तैयारियों की जानकारी देने के लिए 02 मार्च को मीडिया ब्रीफिंग में बताया था कि इसमें कुल 148 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे जिसमें जगुआर, सुखोई-30, मिग-29, तेजस, राफेल जैसे 109 फाइटर जेट, 24 हेलीकॉप्टर, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17 और सी-130 जे होंगे। इन एयरक्राफ्ट्स में से 18 को नाल एयरबेस से, 29 एयरक्राफ्ट को फलोदी एयरबेस से, 46 को जोधपुर से , 30 को जैसलमेर से, 21 को उतरलाई एयरबेस से, 2 को आगरा और 2 को हिंडन एयरबेस से उड़ान भरनी थी। जगुआर और सुखोई-30 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुने गए लक्ष्यों पर 1000-1000 पाउंड के बम गिराकर उन्हें नष्ट करने का प्रदर्शन करना था। शुक्रवार को फाइनल रिहर्सल होने के बाद देर रात ‘वायु शक्ति’ अभ्यास को स्थगित करने की घोषणा कर दी गई।
इससे पहले गुरुवार को दिन में सरकार ने यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध से कई प्रतिभागी देशों की लॉजिस्टिक्स समस्याओं को देखते हुए 10-14 मार्च तक गुजरात के गांधीनगर में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो-2022 को स्थगित कर दिया। डेफएक्सपो के इस 12वें संस्करण के लिए अब तक करीब 1,000 प्रदर्शक पंजीकरण करा चुके थे। इस मेगा आयोजन में लगभग 70 देशों के भाग लेने की उम्मीद थी, जिसका उद्देश्य 2024 तक रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और 5 बिलियन डॉलर के रक्षा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृष्टि पर निर्माण करना है। डिफेंस एक्सपो 2022 का विषय ‘भारत-इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब’ रखा गया था। रक्षा मंत्रालय ने फिलहाल दोनों कार्यक्रमों के लिए नई तारीखों के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है। इन कार्यक्रमों की नई तारीखों के बारे में जल्द जानकारी देने की बात कही गई है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का असर लंदन के वैडिंगटन में होने वाले बहुराष्ट्रीय ‘कोबरा योद्धा अभ्यास’ पर भी पड़ा है। 06 से 27 मार्च तक होने वाले इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना के पांच लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस और 04 अन्य लड़ाकू विमानों को भी हिस्सा लेना था लेकिन अब भारत ने अपने विमानों को अभ्यास में न भेजने का फैसला लिया है। एलसीए तेजस के लिए पहला मौका था जब उसे किसी अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में हिस्सा लेना था। हालांकि, लड़ाकू एलसीए तेजस मार्क-वन ने पिछले माह सिंगापुर एयर शो के दौरान लो-लेवल एयरोबैटिक्स डिस्प्ले में हिस्सा लेकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया था।
दरअसल, भारतीय वायु सेना ने अपना ध्यान युद्धग्रस्त यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों की सुरक्षित निकासी अभियान के लिए चलाये जा रहे ‘ऑपरेशन गंगा’ पर फोकस कर दिया है। वायु सेना ने इस अभियान में राहत सामग्री के साथ चार सी-17 परिवहन विमान तैनात किए हैं। यूक्रेन संघर्ष से प्रभावित पड़ोसी देशों से अब तक 1,638 नागरिकों और छात्रों की सुरक्षित ‘वतन वापसी’ कराई है। इन विमानों ने प्रभावित लोगों के लिए 10 टन से ज्यादा राहत और खाद्य सामग्री भी आपूर्ति की है। वायुसेना का एक और विमान शुक्रवार की देर रात को रोमानिया (बुखारेस्ट) से 210 भारतीय नागरिकों के साथ हिंडन एयरबेस पहुंचा है। वायुसेना का यह अभियान लगातार 24 घंटे जारी है, इसीलिए पूरी तैयारियों के बावजूद ‘वायु शक्ति’ अभ्यास स्थगित करना पड़ा है।