नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी कांड में आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ दायर अर्जी पर 11 मार्च को सुनवाई करेगा। शुक्रवार को लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों के परिजन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर कोर्ट ने 11 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया।
वकील प्रशांत भूषण के जरिए दायर याचिका में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत को उत्तरप्रदेश सरकार ने चुनौती नहीं दी, इसलिए हमको कोर्ट आना पड़ा। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में चार्जशीट 3 जनवरी को दाखिल की गई है और आशीष मिश्रा ने चार्जशीट की बातों को हाईकोर्ट के संज्ञान में नहीं लाया। वकील शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश रद्द करने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि आशीष मिश्रा को जमानत देकर हाईकोर्ट ने गलती की है। याचिका में कहा गया है कि अभी तक केंद्रीय मंत्री से पूछताछ नहीं हुई है। इस मामले में एसआईटी का काम असंतोषजनक है। याचिका में कहा गया है कि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है। आशीष मिश्रा के जेल से बाहर आने से गवाहों के प्रभावित होने की आशंका है। गवाहों को अपने जान पर खतरा महसूस हो रहा है।
याचिका में एसआईटी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में उत्तरप्रदेश सरकार से मुआवजा देने की मांग की गई है। आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 15 जनवरी को जेल से रिहा कर दिया गया। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में एसआईटी ने 3 जनवरी को लखीमपुर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बनाया गया है।