नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। भारतीय सेना के 15वें सेना प्रमुख जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स का शुक्रवार को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह 1990 से 1993 तक भारतीय थल सेना के अध्यक्ष रहे और वह जेएसडब्ल्यू (एनडीए) के पहले कोर्स का हिस्सा थे। जनरल को 1953 में भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया गया था और बाद में वह एयर ऑब्जर्वेशन पायलट के पद तक पहुंचे थे। सेना प्रमुख बनने से पहले जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने सेंट्रल कमांड और वेस्टर्न कमांड दोनों की कमान संभाली थी। वह सितंबर, 1993 में सेवानिवृत्त हुए थे।
जनरल रोड्रिग्स का जन्म 19 सितम्बर, 1933 को मुंबई में हुआ था। वह 01 जुलाई, 1990 से 30 जून, 1993 तक भारतीय सेना के प्रमुख रहे। सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 08 नवंबर, 2004 को पंजाब का राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का प्रशासक नियुक्त किया गया था। भारतीय सेना ने एक ट्वीट में कहा “सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और भारतीय सेना के सभी रैंकों ने जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उन्हें एक विचारक और रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है, वह अपने पीछे राष्ट्र के प्रति अत्यधिक समर्पण और सेवा की विरासत छोड़ गए हैं।”
रोड्रिग्स 1949 में भारतीय सैन्य अकादमी के संयुक्त सेवा विंग में शामिल हुए और 28 दिसंबर, 1952 को आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुए। कई क्षेत्र और स्व-चालित तोपखाने इकाइयों में सेवा देने के बाद उन्होंने 1964 में आर्टिलरी के एयर ऑब्जर्वेशन पोस्ट में पायलट प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया और आर्टिलरी एविएशन पायलट के रूप में योग्यता प्राप्त की। 1964 और 1969 के बीच उन्होंने विमान और हेलीकॉप्टरों पर 158 से अधिक उड़ान घंटे दर्ज किए, जिसमें 1965 के युद्ध के दौरान 65 घंटे की लड़ाकू उड़ान शामिल थी। उनकी इकाई ने दुश्मन के ढांचे पर 56 से अधिक सटीक हमले किये थे।
उन्होंने रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में भाग लिया और 1971 में XXXIII कोर मुख्यालय में जीएसओ II संचालन के रूप में कार्यभार संभाला। पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद 1972 में उन्हें विशिष्ट सेवा मैडल सम्मानित किया गया। बाद में उन्होंने 1973 से 1975 तक एक डिवीजन के जीएसओ I संचालन के रूप में कार्य किया। एक ब्रिगेडियर के रूप में उन्होंने 1975 से 1977 तक उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में पर्वत पैदल सेना ब्रिगेड की कमान संभाली। इसके बाद रोड्रिग्स ने यूनाइटेड किंगडम में रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में 1978 के पाठ्यक्रम में भाग लिया। वह 1979 से नवंबर 1981 तक रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में मुख्य प्रशिक्षक थे।