यूक्रेन के अस्पतालों में ऑक्सीजन और सर्जिकल दवाओं की कमी पर डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता
न्यूयॉर्क, 3 मार्च (हि.स.)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हज़ारों लोगों के घायल होने और उन्हें समय पर इलाज न मिलने पर गहरी चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ ने यूक्रेन में तत्काल एक चिकित्सा कारिडोर बनाए जाने की अपील की है।
दरअसल, यूक्रेन के तीन ऑक्सीजन प्लांट के नष्ट होने से वहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। इसके अलावा अस्पतालों में सर्जिकल सामान और जीवनरक्षक दवाओं की भारी कमी से उपचार में दिक्कतें आ रही हैं। इसी बीच साठ टन सर्जिकल सामान और दवाओं के गुरुवार तक कीव पहुंचने की खबर है।
बुधवार को जेनेवा में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा. टेडरौस अधनोम ग़ैब्रिएसस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रूस का नाम लिए बिना कहा है कि डब्ल्यूएचओ चार्टर और अंतरराष्ट्रीय नियमों के मद्देनज़र युद्ध के दौरान अस्पतालों, चिकित्सकों, नर्सों और हेल्थ वर्कर के मानवीय अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की राजधानी कीव के एक अस्पताल पर जिस तरह से बम के गोले बरसाए गए हैं, वह निस्संदेह चिंतनीय है। यूक्रेन के विभिन्न शहरों में चिकित्सीय ज़रूरतों पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि जच्चाबच्चा वार्ड की भी अवस्था दयनीय है और चिकित्सकों और नर्सों को घर जाने का भी मौक़ा नहीं मिल पास रहा है।
