मुंबई, 02 मार्च (हि.स.)। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक को बुधवार को बांबे हाईकोर्ट मेें कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बारे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगकर मामले की सुनवाई 7 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है।
ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मंत्री नवाब मलिक की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई जज सुनील सुक्रे तथा जज गोविंदा सानप के समक्ष बुधवार को हुई। नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने कोर्ट को बताया कि ईडी की टीम बिना समन दिए मंत्री नवाब मलिक के घर पर गई और उन्हें जबरन गिरफ्तार किया। ईडी ने नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की एफआईआर में जबरन नवाब मलिक का नाम लिखवाकर उन्हें गिरफ्तार किया है, जबकि ईडी का यह कार्यक्षेत्र ही नहीं है।
अमित देसाई ने बताया कि जिस जमीन को खरीदने के नाम पर नवाब मलिक को गिरफ्तार किया गया है, उसका नवाब मलिक से कोई संबंध नहीं है। अमित देसाई ने हाईकोर्ट को बताया कि मामले में विशेष कोर्ट की भूमिका भी संदेहास्पद है। यह कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक द्वेष की वजह से बदले की भावना के तहत की गई है। इसलिए नवाब मलिक पर दर्ज मामले को रद्द किए जाने तथा नवाब मलिक को शीघ्र रिहा करने का आदेश जारी करने की मांग अमित देसाई ने की।
हाईकोर्ट ने ईडी को इस मामले में शीघ्र अपना लिखित पक्ष रखने के लिए कहा, लेकिन ईडी के वकील ने इसके लिए एक सप्ताह का समय मांगा। हाईकोर्ट ने ईडी के वकील को एक सप्ताह का समय न देते हुए अतिशीघ्र लिखित जवाब पेश करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई शनिवार को नहीं की जा सकती है, इसलिए मामले की सुनवाई अब सोमवार 7 मार्च को की जाएगी। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि 3 मार्च को इस मामले की विशेष कोर्ट में होने वाली सुनवाई का हाईकोर्ट सुनवाई से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने दाऊद इब्राहिम के साथी से जमीन खरीदने के आरोप में नवाब मलिक के घर पर 23 मार्च को सुबह छापा मारा था। इसके बाद नवाब मलिक को ईडी दफ्तर में लाकर 8 घंटे तक लंबी पूछताछ की गई और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद मुंबई की विशेष कोर्ट ने नवाब मलिक को 3 मार्च तक ईडी कस्टडी में भेज दिया था।