नई दिल्ली, 02 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी सखी वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों के लिए स्त्री मनोरक्षा परियोजना को लॉन्च किया। बुधवार को आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के कार्यक्रम में इस परियोजना के एडवांस संस्करण को लॉन्च किया गया। राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहांस) के साथ शुरू इस परियोजना के तहत देश के सभी 704 सखी वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों को मनोचिकित्सा संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स कराएगा। इस योजना का मकसद वन स्टॉप सेंटर में कार्यरत सलाहकारों को मनोवैज्ञानिक परामर्श की तकनीक से अवगत कराना है ताकि पीड़ित महिलाओं को बेहतर रूप से मानसिक सहायता प्रदान की जा सके।
इस योजना की शुरुआत के मौके पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कोरोना काल में वन स्टॉप सेंटर महिलाओं और बच्चों के लिए काफी मददगार साबित हुई है। स्त्री मनोरक्षा योजना में निमहांस के विशेषज्ञ अब सभी केन्द्रों पर मौजूद सलाहकारों को एडवांस ट्रेनिंग देंगे ताकि वे पीड़ित महिलाओं को बेहतर तरीके से सहायता प्रदान कर सकें। एक शोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं को मिली मानसिक प्रताड़ना कई बार दो पीढ़ियों तक जाती है। इसलिए इस समस्या का समाधान निकालना बेहद जरूरी है। इसमें स्त्री मनोरक्षा योजना बेहद कारगर साबित होगी।
इस मौके पर निमहांस की विशेषज्ञ डॉ. प्रभा ने बताया कि स्त्री मनोरक्षा के तहत 2033 कर्मचारियों को प्राथमिक प्रशिक्षण दिया गया है। वन स्टॉप सेंटर में मौजूद सलाहकारों को अग्रिम प्रशिक्षण देने की शुरुआत की जा रही है। यह ट्रेनिंग कई प्रादेशिक भाषाओं में भी होगी। डॉ. प्रभा ने बताया कि इससे पहले संवाद योजना के तहत एक लाख बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने की ट्रेनिंग दी गई थी।