नई दिल्ली, 01 मार्च (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा दर्ज किए गए 17 मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है। इनमें गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से संबंधित एक मामला भी शामिल है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय द्वारा 31 जनवरी को भेजी गई मामलों से संबंधित फाइल को सोमवार को कानून विभाग की राय लेने के बाद मंजूरी दे दी गई। दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के दौरान दर्ज किए गए करीब 54 मामलों में से 17 को वापस लेने का फैसला किया था।
इसमें करीब 200-300 प्रदर्शनकारियों और 25 ट्रैक्टरों के लाहौरी गेट के जरिये लाल किले पहुंचने का मामला भी शामिल है, जिसके चलते टिकट काउंटरों और सुरक्षा जांच उपकरणों को नुकसान हुआ था। इसके अलावा 150-175 ट्रैक्टरों पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के लोनी से दिल्ली में प्रवेश करने वाले किसानों के खिलाफ उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि उन किसानों ने पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डाली और उन पर हमला किया।
अधिकतर मामले दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान कोविड-19 नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं। आंदोलनकारी किसानों ने संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए नवंबर 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन किया था।
केंद्र ने नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के बीच प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की संयुक्त किसान मोर्चा की मांग पर भी सहमति जताई थी। आंदोलनकारी किसान पिछले साल गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में घुस गए थे, जिसके बाद हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं।
उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को नई दिल्ली जयसिंह रोड़ स्थित पुलिस मुख्यालय में 75वें स्थापना के मौके पर कार्यक्रम में बताया था कि हिंसा से जुडे 17 मामलों को उपराज्यपाल के ऑफिस में भेजा गया था, वहां मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस 17 मामलों को वापस ले लेगी।