जयपुर, 31 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 12 लाख को पार कर गया है। राजस्थान से पहले देश में नौ ऐसे राज्य है, जहां अब तक 12 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 76.83 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इसके बाद दूसरा नंबर केरल का है, जहां 59.31 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हाे चुके हैं। महाराष्ट्र, केरल के बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और ओडिशा का नंबर आता है।
सरकार वैक्सीनेशन को कोरोना महामारी से बचाव का अचूक हथियार मान रही है, लेकिन राजस्थान के 23 जिलों में अब तक वैक्सीन की सिंगल डोज का लक्ष्य भी हासिल नहीं किया जा सका है। यह स्थिति तो तब है, जब गहलोत सरकार ने 31 जनवरी के बाद जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज या जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज (दूसरी डोज का टाइम निकल गया हो) नहीं लगवाई है, उनके खिलाफ एक्शन के लिए नई गाइडलाइन जारी करने का ऐलान किया था। सरकार ने ऐसे लोगों के लिए एक फरवरी से सरकारी दफ्तरों में पाबंदी लगाने जैसे सख्त कदम उठाने की घोषणा कर रखी है।
राज्य में छह ऐसे जिले हैं, जहां टारगेट ग्रुप के 90 फीसदी लोगों काे भी वैक्सीन की सिंगल डोज नहीं लगी है। इस सूची में सबसे ऊपर नंबर जालोर का है। यहां अब तक 83.5 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की सिंगल डोज लगी है। दूसरे नंबर पर भरतपुर, तीसरे पर धौलपुर, चौथे नंबर पर बाड़मेर, पांचवें नंबर डूंगरपुर और छठे नंबर पर पाली जिला है।
वैक्सीनेशन के आंकड़े बता रहे है कि राज्य में अब भी 23 ऐसे जिले हैं, जहां वैक्सीन की सिंगल डोज का भी टारगेट पूरा नहीं हुआ है। प्रतापगढ़ राज्य का ऐसा एकमात्र जिला है, जहां 18 साल या उससे ज्यादा एजग्रुप के सभी टारगेट ग्रुप का वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है। राज्य में जयपुर, बूंदी, उदयपुर, सीकर, सवाई माधोपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़, अलवर और हनुमानगढ़ ऐसे जिले है जहां 18 साल या उससे ज्यादा एजग्रुप के सभी चिह्नित लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। वहीं, अजमेर ऐसा जिला है, जहां अब करीब 30 हजार लोग बचे है, जिन्हें वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है।
राजस्थान में अब तक 62 फीसदी बच्चों को सिंगल डोज लग चुकी है। 15 से 18 साल तक की एजग्रुप के 46 लाख 51 हजार बच्चों को डोज लगनी है, जिसमें से अब तक 29 लाख 20 हजार 564 बच्चों को डोज लग चुकी है। जयपुर प्रथम बच्चों के वैक्सीनेशन के मामले में सबसे फिसड्डी है। यहां अब 47.3 फीसदी बच्चों को ही वैक्सीन की सिंगल डोज लगी है, जबकि यहां 2 लाख 78 हजार 985 लोगों को वैक्सीन लगाने का टारगेट है।