वाशिंगटन/जिनेवा 30 जनवरी (हि.स.)। विश्व में कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में भले हल्का बताया जा रहा हो लेकिन अमेरिका में डेल्टा की तुलना में ओमीक्रोन से प्रतिदिन अधिक मौत हो रही है।
अमेरिका में पिछले एक दिन के भीतर 2,267 लोगों की मौत हुई है। दुनिया में बीते दिन जहां 34.12 लाख नए संक्रमितों की पहचान हुई वहीं इसी अवधि में 10,330 लोगों ने जान गंवाई है। अमेरिका में मृतकों की सात दिन की औसत संख्या में नवंबर के मध्य से बढ़ोतरी देखी जा रही है।
लिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन में जन स्वास्थ्य प्रोफेसर एंड्रयू नोयमर ने कहा कि ओमीक्रोन के चलते हमें लाखों लोगों को खोना पड़ सकता है। इस बात पर चर्चा की जानी चाहिए कि हम क्या अलग कर सकते हैं और कितने लोगों को बचा सकते हैं।
अमेरिका फिलहाल नए संक्रमितों को लेकर 5.22 लाख मामलों के साथ दुनिया में शीर्ष पर बना हुआ है, जबकि फ्रांस 3.53 लाख मामलों के साथ दूसरे व ब्राजील 2.57 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर बना हुआ है। दुनिया में पिछले दो वर्षों में कुल 37.08 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 56.69 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
पाकिस्तान में पहली बार सक्रिय मामले एक लाख पार
पाक में सक्रिय कोविड-19 मामलों ने जुलाई 2020 के बाद पहली बार एक लाख का आंकड़ा उस वक्त पार कर लिया जब देश में 7,963 मामले दर्ज किए गए। नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कुल 70,389 लोगों के परीक्षण के बाद 7,963 नए संक्रमित दर्ज हुए। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1,04,095 हो गई है।
सिंगापुर में ओमिक्रॉन के उप-स्वरूप बीए. 2 के 198 मामले मिले हैं। ये सब वैरिएंट बीए.1 के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रहे हैं। अस्पतालों से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 150 मामले विदेशी मरीजों से आए हैं जबकि 48 मामले स्थानीय स्तर पर फैले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर में हर दिन कोरोना के हजारों मामले आने के बाद भी अस्पतालों की स्थिति सामान्य है।
नए कोरोना वायरस के लिए और अध्ययन जरूरी : डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ ने चीनी विशेषज्ञों द्वारा पता लगाए गए नए वायरस न्याकोव को लेकर कहा है कि इस पर अभी और अध्ययन की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, दक्षिण अफ्रीकी चमगादड़ों में पाया जाने वाला यह वायरस फिलहाल पशुओं में तेजी से फैल रहा है। लेकिन चीनी शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष दिया है कि यह भविष्य में इंसानों के लिए भी खतरनाक है। इस पर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस वायरस के इंसानों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अभी और अध्ययन की जरूरत है।